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IFS विनय कुमार ने अमेरिका पर साधा निशाना, कहा- 'भारतीय कंपनियों को कहीं और बेहतर सौदा मिलेगा'

IFS विनय कुमार ने अमेरिका पर साधा निशाना, कहा- 'भारतीय कंपनियों को कहीं और बेहतर सौदा मिलेगा'

अमेरिका और भारत के बीच जारी कूटनीतिक बयानबाजी में IFS अधिकारी विनय कुमार का नाम इस समय सुर्खियों में है। हाल ही में उन्होंने रूस का समर्थन करते हुए अमेरिका को करारा जवाब दिया, जो विशेष रूप से चर्चा का विषय बना।

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच जारी बयानबाजी के बीच इस समय एक नाम सुर्खियों में है – IFS विनय कुमार (IFS Vinay Kumar)। हाल ही में उन्होंने रूस की सरकारी मीडिया एजेंसी TASS को दिए इंटरव्यू में अमेरिका की नीतियों पर सीधी प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय कंपनियां वहीं से खरीदारी करेंगी, जहां उन्हें सबसे अच्छा सौदा मिलेगा और इस प्रक्रिया में किसानों व छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।

विनय कुमार का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ और व्यापारिक समझौतों को लेकर तनाव बढ़ रहा है। उनके इस रुख को न सिर्फ भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का प्रतीक माना जा रहा है, बल्कि रूस के साथ भारत की मजबूत साझेदारी का भी संदेश है।

कौन हैं IFS विनय कुमार?

IFS विनय कुमार 1992 बैच के भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service) के अधिकारी हैं। लंबे समय से वह भारतीय कूटनीति का अहम हिस्सा रहे हैं और कई महत्वपूर्ण मिशनों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। विनय कुमार के करियर की प्रमुख झलकियां:

  • 2024 में रूस में भारत के राजदूत नियुक्त हुए।
  • इससे पहले म्यांमार में भी भारत के राजदूत के रूप में कार्यरत रहे।
  • विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
  • IIT खड़गपुर से पढ़ाई की और 1991 में ग्रेजुएशन के बाद अगले ही साल IFS में चयनित हुए।
  • 2018 से 2020 तक अफगानिस्तान में भारत के राजदूत रहे।
  • 2011-12 में UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में भारत के राजनीतिक समन्वयक की भूमिका निभाई।
  • वारसॉ, तेहरान, ताशकंद, काठमांडू, बिश्केक और ओटावा जैसे महत्वपूर्ण भारतीय मिशनों में कार्य किया।
  • न्यूयॉर्क में भी भारत के स्थायी मिशन का हिस्सा रहे।

इन अनुभवों ने उन्हें वैश्विक कूटनीति और बहुपक्षीय संबंधों का गहरा ज्ञान दिया है।

विनय कुमार ने अमेरिका पर सीधा निशाना

रूस की मीडिया से बातचीत में विनय कुमार ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान को दोहराते हुए कहा कि भारत की प्राथमिकता हमेशा अपने किसानों और छोटे उत्पादकों की रक्षा करना रहेगी। उन्होंने कहा कि व्यापार किसी राजनीतिक दबाव का विषय नहीं है, बल्कि यह आर्थिक आधार पर होता है। विनय कुमार ने साफ कहा कि अगर भारतीय कंपनियों को कहीं और बेहतर सौदा मिलेगा, तो वे उसी दिशा में कदम बढ़ाएंगी। यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के उन दबावों का जवाब माना जा रहा है, जिनमें वह भारत से व्यापार नीतियों को अपने हित में बदलने की अपेक्षा करता रहा है।

विनय कुमार का यह बयान रूस में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करता है। रूस लंबे समय से भारत का रणनीतिक साझेदार रहा है, चाहे वह रक्षा सौदे हों, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग हो या फिर संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन। वर्तमान भू-राजनीतिक हालात में भारत की तटस्थ और हित-केंद्रित विदेश नीति को रूस ने सकारात्मक रूप से लिया है। विनय कुमार के इस बयान से साफ है कि भारत अमेरिका और पश्चिमी देशों की शर्तों से इतर, अपने हितों और स्वायत्तता के आधार पर निर्णय लेगा।

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