ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद पाकिस्तान ने निंदा करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार देने की मांग की थी।
Iran US Conflict: ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक राजनीति को नया मोड़ दे दिया है। इस बार इस संघर्ष में पाकिस्तान की भूमिका और उसका रवैया चर्चा का विषय बन गया है। हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए, जिसके बाद पाकिस्तान ने अमेरिका की तीखी आलोचना की है। यह वही पाकिस्तान है, जिसने कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार देने की मांग की थी।
पाकिस्तान का अमेरिका को लेकर बदलता नजरिया
पिछले हफ्ते तक पाकिस्तान अमेरिका की तारीफों के पुल बांध रहा था। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच किया था। इस मुलाकात के बाद पाकिस्तान के उच्च अधिकारियों ने सार्वजनिक मंचों पर ट्रंप की प्रशंसा करते हुए उन्हें नोबल शांति पुरस्कार देने की मांग की थी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इसका समर्थन किया था।
लेकिन ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी नीति में बड़ा बदलाव किया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है।
अमेरिकी हमले पर पाकिस्तान का आधिकारिक बयान
पाक विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किया गया हमला क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है। मंत्रालय ने कहा कि इससे मध्य पूर्व में तनाव और अधिक बढ़ सकता है, जिससे पाकिस्तान बेहद चिंतित है।
ईरान के साथ खड़े रहने का संकेत
पाकिस्तान और ईरान लगभग 900 किलोमीटर की साझा सीमा रखते हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों में कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं, लेकिन इस बार पाकिस्तान ने खुलकर ईरान का समर्थन किया है। पाकिस्तान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ईरान को अपनी सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। यह बयान इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान मौजूदा हालात में ईरान के साथ खड़ा रहना चाहता है।
तनाव को लेकर पाकिस्तान की चिंता
विदेश मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया कि अमेरिका की कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता बढ़ सकती है। यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो इसके दुष्परिणाम मध्य एशिया से लेकर दक्षिण एशिया तक महसूस किए जा सकते हैं। पाकिस्तान ने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है।
पाकिस्तान ने कहा कि तनाव को बढ़ाने के बजाय सभी देशों को आपसी संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान की दिशा में काम करना चाहिए। पाक सरकार ने ईरान, इजरायल और अमेरिका से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव दिया है ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित की जा सके।
डोनाल्ड ट्रंप को लेकर पाकिस्तान की बदली सोच
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश नोबल शांति पुरस्कार के लिए की थी। असीम मुनीर के अमेरिका दौरे के बाद आई इस मांग को दोनों देशों के बढ़ते संबंधों की मिसाल के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन अब जब अमेरिका ने ईरान पर सीधा हमला किया है, पाकिस्तान का रुख पूरी तरह बदल गया है।