Columbus

ताजमहल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, धुएं के गुबार से मचा हड़कंप

ताजमहल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, धुएं के गुबार से मचा हड़कंप

ताजमहल के दक्षिणी गेट पर शॉर्ट सर्किट से आग लगी और धुआं फैल गया। ASI और टॉरेंट पावर की टीम ने बिजली बंद कर दो घंटे में आग पर काबू पाया। कोई पर्यटक या इमारत को नुकसान नहीं हुआ।

आगरा: विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के दक्षिणी गेट पर अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारियों ने बताया कि यह आग वायरिंग में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। घटना के समय धुएं का गुबार चारों तरफ फैल गया और आसपास के लोग डर गए। हालांकि, किसी पर्यटक या कर्मचारी को चोट नहीं आई क्योंकि सुरक्षा कारणों से दक्षिणी गेट से पर्यटकों का प्रवेश 2018 से बंद है।

ASI के कर्मचारियों ने तुरंत बिजली सप्लाई बंद कर दी और आग पर नियंत्रण पाने के लिए तुरंत कार्रवाई की। अधिकारियों ने कहा कि उनकी सतर्कता और फौरन प्रतिक्रिया के कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

टॉरेंट पावर और ASI ने आग पर काबू पाया

ASI अधिकारियों ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही टॉरेंट पावर की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने लगभग दो घंटे के शटडाउन के दौरान वायरिंग की मरम्मत की और आग पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया। यूपीएस सिस्टम के कारण परिसर में बिजली आपूर्ति बनी रही, जिससे अन्य क्षेत्रों में कोई व्यवधान नहीं हुआ।

टॉरेंट पावर और ASI की यह त्वरित प्रतिक्रिया इस बात को दर्शाती है कि ताजमहल की सुरक्षा और संचालन व्यवस्था में सतर्कता बनाए रखने की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे हैं।

वायरिंग में शॉर्ट सर्किट से लगी आग

ASI ने पुष्टि की कि आग छत पर मौजूद पुरानी वायरिंग में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। अधिकारियों ने बताया कि आग ने किसी ऐतिहासिक कलाकृति या संरचना को नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने कहा कि परिसर में नियमित रूप से विद्युत व्यवस्था की जांच और मेंटेनेंस की जाती है, लेकिन यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि पुरानी वायरिंग समय-समय पर बदलना और सुरक्षा उपाय बढ़ाना कितना जरूरी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे स्मारकों में वायरिंग और इलेक्ट्रिकल इंस्टालेशन की नियमित अपग्रेडेशन आवश्यक है ताकि आग जैसी अप्रत्याशित घटनाओं से बचा जा सके।

ASI ने सुरक्षा और विद्युत व्यवस्था की समीक्षा की

ASI ने आग लगने के तुरंत बाद पूरे परिसर की सुरक्षा और विद्युत व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा शुरू कर दी है। अधिकारी भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए वायरिंग अपग्रेड, नियमित निरीक्षण और सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे।

ASI का कहना है कि इस घटना ने उन्हें यह भी याद दिलाया कि ऐतिहासिक स्मारकों में आग और सुरक्षा से जुड़े जोखिम हमेशा रहते हैं, इसलिए विद्युत व्यवस्था और इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम को और मजबूत करना होगा।

Leave a comment