ऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित मूल रामायण में कुल 24,000 श्लोक हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हर 1000वें श्लोक के पहले अक्षर से मिलकर एक पूरा गायत्री मंत्र बनता है। इसे संयोग नहीं, बल्कि ऋषियों की अद्भुत योजना माना जाता है। गायत्री मंत्र वेदों में वर्णित सबसे पवित्र मंत्रों में से एक है।
राम की एक बड़ी बहन भी थीं
अधिकांश लोग श्रीराम के भाइयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के बारे में जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग उनकी बहन "शांता" से परिचित हैं। शांता, राजा दशरथ और रानी कौशल्या की पुत्री थीं, जिन्हें अंगदेश के राजा रोमपद को गोद दे दिया गया था।
राम के भाई कौन से देवी-देवताओं के अवतार थे
जहां श्रीराम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, वहीं लक्ष्मण को शेषनाग का, भरत को सुदर्शन चक्र का और शत्रुघ्न को विष्णु के शंख का अवतार माना जाता है। ये सभी अवतार धरती पर धर्म की स्थापना के उद्देश्य से हुए थे।
सीता स्वयंवर में इस्तेमाल हुआ था पिनाक धनुष
जिस धनुष को राम ने स्वयंवर में तोड़ा था, उसका नाम "पिनाक" था। यह भगवान शिव का वही धनुष था जिसे कोई भी आसानी से उठा नहीं सकता था।
14 साल तक नहीं सोए लक्ष्मण, पत्नी उर्मिला ने ली नींद
वनवास के दौरान लक्ष्मण लगातार जागते रहे ताकि राम और सीता की रक्षा कर सकें। उन्होंने निद्रा देवी से वरदान मांगा और बदले में उर्मिला ने 14 साल तक उनकी ओर से नींद ली।
राम-सीता के वनवास का जंगल दंडकारण्य था
जिस जंगल में राम, सीता और लक्ष्मण ने अपना वनवास काटा था, उसका नाम था दंडकारण्य। यह वर्तमान में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ था।
लक्ष्मण रेखा का कोई उल्लेख मूल रामायण में नहीं
लक्ष्मण रेखा की कहानी आज हर कोई जानता है, लेकिन यह वाल्मीकि रामायण या रामचरितमानस में नहीं मिलती। इसका उल्लेख सबसे पहले मंदोदरी द्वारा किया गया है।
रावण था वीणा वादक और वेदों का ज्ञाता
रावण सिर्फ एक क्रूर राक्षस नहीं था। वह एक श्रेष्ठ विद्वान था और वीणा वादन में पारंगत था। यही कारण है कि उसके ध्वज में वीणा का प्रतीक होता था।
कुंभकर्ण का निद्रासन वरदान नहीं, धोखा था
कुंभकर्ण को ब्रह्मा से वरदान में इंद्रासन मांगना था, लेकिन इंद्र के कहने पर सरस्वती देवी ने उसकी जीभ पर नियंत्रण कर दिया और वह 'निद्रासन' मांग बैठा। इससे वह 6 महीने सोता और एक दिन जागता था।
राम सेतु को नासा ने भी माना मानव निर्मित
रामायण में वर्णित राम सेतु को आधुनिक विज्ञान भी खारिज नहीं कर सका। नासा ने 30 किलोमीटर लंबे इस पुल की पुष्टि की है जो भारत और श्रीलंका को जोड़ता है।
रावण को पहले से थी अपने अंत की जानकारी
जब रावण को सीता हरण के बाद भाइयों ने चेतावनी दी तो उसने साफ कहा कि यदि राम देवता हैं तो मैं उनके हाथों मरकर मोक्ष प्राप्त करूंगा।
राम ने लक्ष्मण को दिया मृत्युदंड
जब यमराज श्रीराम से एकांत में वार्तालाप करने आए और कोई विघ्न न हो इसका वचन लिया, तब लक्ष्मण को दरवाजे पर नियुक्त किया गया। लेकिन ऋषि दुर्वासा के आगमन पर लक्ष्मण ने वचन तोड़ा और परिणामस्वरूप राम ने उन्हें त्याग दिया। इसके बाद लक्ष्मण ने जल समाधि ले ली।
राम ने सरयू नदी में दी जल समाधि
सीता के पृथ्वी में समाने के बाद श्रीराम ने सरयू नदी में डूबकी लगाकर पृथ्वी लोक को त्याग दिया। इसे भगवान विष्णु के वैकुंठ लौटने की प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है।