जापान के होक्काइडो में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेस (GFZ) के अनुसार, यह भूकंप 5.7 तीव्रता का था और 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया।
होक्काइडो: जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.7 मैग्नीट्यूड मापी गई और इसका केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। इस भूकंप के कारण किसी प्रकार के भारी नुकसान, चोट या सुनामी की चेतावनी की रिपोर्ट नहीं मिली है।
होक्काइडो जापान का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है और जापान के सबसे उत्तरी प्रांत के रूप में जाना जाता है। यह होन्शू द्वीप के उत्तर में स्थित है और दोनों द्वीपों के बीच त्सुगारू जलडमरू का समुद्री क्षेत्र है।
जापान में भूकंप क्यों आते हैं बार-बार
जापान विश्व के सबसे भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में आता है। इसका मुख्य कारण है कि यह टेक्टोनिक प्लेट्स के जंक्शन पर स्थित है, जिसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। जापान पर चार प्रमुख प्लेट्स मिलती हैं –
- पैसिफिक प्लेट
- फिलीपींस सी प्लेट
- यूरेशियन प्लेट
- नॉर्थ अमेरिकन प्लेट
ये प्लेट्स लगातार टकराती, खिसकती और एक-दूसरे के नीचे सरकती हैं (सबडक्शन)। इससे पृथ्वी की सतह पर भारी दबाव बनता है और ऊर्जा का संचय होता है। जब यह ऊर्जा अचानक रिलीज होती है, तो भूकंप आता है। जापान प्रशांत महासागर के आसपास स्थित होने के कारण यह क्षेत्र ज्वालामुखी सक्रिय और भूगर्भीय रूप से अस्थिर है। यहां रोजाना छोटे और बड़े भूकंप दर्ज किए जाते हैं।

जापान की तैयारी और तकनीक
जापान ने भूकंप से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और सख्त बिल्डिंग कोड विकसित किए हैं।
- भूकंप-रोधी इमारतें: इमारतों में विशेष डिजाइन और सामग्री का उपयोग किया जाता है ताकि कंपन कम हो और इमारत सुरक्षित रहे।
- अलर्ट सिस्टम: भूकंप आने से पहले चेतावनी देने के लिए तकनीक और नेटवर्क स्थापित हैं।
- आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण: नागरिकों को नियमित प्रशिक्षण और ड्रिल के माध्यम से आपदा के समय सुरक्षित रहने की शिक्षा दी जाती है।
इस तकनीकी तैयारी के कारण, होक्काइडो का यह भूकंप कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा सका। जापान का भौगोलिक स्थान इसे भूकंप के लिए संवेदनशील बनाता है। द्वीपसमूह होने के कारण समुद्र के पास यह क्षेत्र भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के प्रति अधिक संवेदनशील है।












