Pune

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर विपक्ष ने खड़े किए सवाल, उद्धव गुट ने जताई आशंका

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर विपक्ष ने खड़े किए सवाल, उद्धव गुट ने जताई आशंका

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। जहां सरकार ने इस फैसले के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, वहीं विपक्ष इसे सामान्य घटना मानने को तैयार नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आनंद दुबे ने इस इस्तीफे को लेकर गहरी चिंता जताते हुए कई सवाल खड़े किए हैं।

दुबे का कहना है कि ऐसे समय जब संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो चुका है और कई संवेदनशील मुद्दों पर बहस की तैयारी है, उपराष्ट्रपति जैसे अहम संवैधानिक पद से अचानक इस्तीफा आना महज संयोग नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि धनखड़ के इस्तीफे का समय और तरीका दोनों ही संदेह पैदा करते हैं।

संसद के संचालन पर असर की आशंका

आनंद दुबे ने आगे कहा कि उपराष्ट्रपति का पद राज्यसभा के सभापति के रूप में भी कार्य करता है और ऐसे में उनका इस्तीफा सीधे तौर पर संसद की कार्यवाही पर असर डाल सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव तक सदन का संचालन कैसे होगा, जब इस सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे गंभीर मसलों पर चर्चा की जानी है।

विपक्ष पहले ही इस मुद्दे को लेकर सरकार पर आक्रामक है और अब उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर सियासी बयानबाजी और तेज होने के आसार हैं।

फैसले में जल्दबाजी का आरोप

दुबे ने सरकार की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह फैसला बिना किसी सार्वजनिक सलाह-मशविरा या संसदीय विमर्श के लिया गया है, जो लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संवैधानिक जिम्मेदारी छोड़ने का फैसला इतनी गोपनीयता और जल्दबाजी में लिया जाना कई तरह के संदेह को जन्म देता है।

गौरतलब है कि मॉनसून सत्र आमतौर पर सरकार और विपक्ष के बीच नीतिगत बहसों का प्रमुख मंच होता है, ऐसे में उपराष्ट्रपति का इस्तीफा विपक्ष के लिए सरकार पर सियासी दबाव बढ़ाने का एक और मौका बन गया है।

Leave a comment