झारखंड में 48 नगर निकाय चुनाव जल्द होने की उम्मीद है। ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया पूरी होने को है। आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति हो गई है। दिसंबर तक चुनाव संभव माने जा रहे हैं।
Jharkhand Election: झारखंड में 48 नगर निकायों के चुनाव को लेकर लंबे समय से चल रही असमंजस की स्थिति अब धीरे-धीरे स्पष्ट होती दिख रही है। ओबीसी आरक्षण को लेकर लंबित ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ चुनाव प्रक्रिया को गति मिलने की उम्मीद है।
ट्रिपल टेस्ट बना था सबसे बड़ी बाधा
नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 'ट्रिपल टेस्ट' की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है। यह प्रक्रिया तीन चरणों में होती है जिसमें ओबीसी की सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक स्थिति का आंकलन किया जाता है। झारखंड में इस प्रक्रिया के अधर में रहने के कारण चुनाव लटक गए थे। अब राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति हो चुकी है जिससे यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। आयोग ने पहले ही सभी जिलों में सर्वेक्षण करवा लिया है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के बहाने बार-बार चुनाव टालना न्यायालय की अवमानना का मामला बन सकता है। हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया था कि चार महीने के भीतर चुनाव कराए जाएं। हालांकि, सरकार ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट पूरी न होने का हवाला देती रही।
अब आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति हो चुकी है और रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए जल्द चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकती है।
1600 करोड़ रुपये का रुका हुआ अनुदान
झारखंड में नगर निकाय चुनाव न होने का असर विकास कार्यों पर भी पड़ा है। केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाले लगभग 1600 करोड़ रुपये का अनुदान रोक रखा है। यह राशि केवल तभी जारी की जाएगी जब राज्य सरकार नगर निकाय चुनाव करा लेगी।
हाल ही में 16वें वित्त आयोग की टीम ने राज्य का दौरा किया था और साफ शब्दों में कहा था कि जब तक नगर निकाय और पंचायत चुनाव नहीं होंगे तब तक बकाया भुगतान नहीं किया जाएगा। टीम ने यह भी कहा कि अगर दिसंबर तक चुनाव संपन्न हो जाते हैं तो पिछली वित्तीय वर्ष की राशि भी राज्य को दे दी जाएगी।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
निकाय चुनाव को लेकर राज्य की राजनीति भी गर्म है। कांग्रेस ने दलीय आधार पर चुनाव कराने की मांग की है जबकि भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जानबूझकर चुनाव में देरी कर रही है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि जब तक राज्य निर्वाचन आयोग में आयुक्त की नियुक्ति नहीं होती तब तक चुनाव कराना संभव नहीं है।