जुलाई 2025 में देश की थोक महंगाई दर (WPI) घटकर -0.58% हो गई। खाद्य पदार्थ, मिनरल ऑयल, कच्चा पेट्रोलियम और बेसिक मेटल्स की कीमतों में कमी मुख्य वजह रही। जून के मुकाबले WPI में हल्की बढ़ोतरी 0.39% दर्ज की गई। खाद्य महंगाई दर भी सालाना आधार पर -2.15% पर आ गई।
नई दिल्ली: जुलाई 2025 में देश की थोक महंगाई दर (WPI) घटकर -0.58% पर पहुंच गई, जिससे थोक बाजार में कीमतों में कमी का संकेत मिला। खाद्य पदार्थ, मिनरल ऑयल, कच्चा पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और बेसिक मेटल्स की कीमतों में गिरावट मुख्य कारण रही। हालांकि जून 2025 की तुलना में WPI 0.39% बढ़ा। ईंधन और बिजली में मिला-जुला असर और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में 0.14% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि खाद्य महंगाई दर सालाना आधार पर -2.15% रही।
प्राथमिक वस्तुओं के दाम
जुलाई 2025 में प्राथमिक वस्तुओं के दामों में 1.18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसमें कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में 2.56 प्रतिशत, नॉन-फूड आर्टिकल्स में 2.11 प्रतिशत और खाद्य पदार्थों में 0.96 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। वहीं, खनिजों की कीमतों में 1.08 प्रतिशत की कमी हुई।
प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में यह बदलाव बाजार की विभिन्न जरूरतों पर असर डालता है। खासकर तेल और गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव से ईंधन पर निर्भर उद्योग प्रभावित होते हैं।
ईंधन और बिजली का मिला-जुला असर
ईंधन और बिजली के समूह में 1.12 प्रतिशत की बढ़त हुई। मिनरल ऑयल 1.98 प्रतिशत महंगा हुआ, लेकिन कोयला 0.44 प्रतिशत और बिजली 0.36 प्रतिशत सस्ती रही। इसका असर थोक महंगाई दर पर मिला-जुला पड़ा।
विशेषज्ञों के अनुसार, ईंधन और बिजली की कीमतों में बदलाव सीधे मैन्युफैक्चरिंग और परिवहन लागत को प्रभावित करता है। इस बार कीमतों में संतुलन बना रहा, जिससे व्यवसायों को कुछ हद तक राहत मिली।
मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में गिरावट
निर्मित वस्तुओं के समूह में 0.14 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। 22 श्रेणियों में से 9 में कीमतें बढ़ीं, 9 में घट गईं और 4 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
जिन सेक्टर्स में बढ़ोतरी हुई उनमें ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट, फर्नीचर और नॉन-मेटैलिक मिनरल प्रोडक्ट्स शामिल हैं। वहीं, बेसिक मेटल्स, मेटल प्रोडक्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स और केमिकल्स में गिरावट देखी गई। इसका असर उद्योग जगत पर प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देता है, क्योंकि कई निर्माण और उत्पादन गतिविधियों की लागत कम हुई।
खाद्य महंगाई दर में कमी
जुलाई में WPI फूड इंडेक्स 191.3 रहा, जो जून के 190.2 से ज्यादा है। इसके बावजूद सालाना आधार पर खाद्य महंगाई दर जून के -0.26 प्रतिशत से घटकर जुलाई में -2.15 प्रतिशत पर आ गई।
खाद्य महंगाई में यह कमी उपभोक्ताओं के लिए राहत का संकेत देती है, क्योंकि थोक बाजार में सस्ते होने का फायदा सीधे खुदरा बाजार और उपभोक्ताओं तक पहुंचता है।
मई 2025 के आंकड़े फाइनल
मई 2025 के लिए WPI का अंतिम आंकड़ा 153.7 और महंगाई दर 0.13 प्रतिशत रही। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग हर महीने WPI के आंकड़े जारी करता है। अगस्त 2025 के आंकड़े 15 सितंबर को जारी किए जाएंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, WPI के आंकड़े न केवल थोक महंगाई को दर्शाते हैं बल्कि ये बाजार की दिशा और नीति निर्धारण में भी मदद करते हैं।