विदेश मंत्री एस. जयशंकर गलवान झड़प के पांच साल बाद पहली बार चीन पहुंचे हैं। उन्होंने उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और मंगलवार को तियानजिन में SCO बैठक में हिस्सा लेंगे।
Jaishankar-in China: 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के पांच साल बाद पहली बार भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर चीन पहुंचे हैं। यह दौरा कूटनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।
बीजिंग में उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात
जयशंकर सोमवार को सिंगापुर से सीधे चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचे, जहां उन्होंने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और संवाद की दिशा में हुई प्रगति पर चर्चा की। जयशंकर ने बताया कि उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में चीन की अध्यक्षता को लेकर भारत का समर्थन जताया।
75 वर्षों के राजनयिक संबंधों का जिक्र
बैठक के दौरान जयशंकर ने भारत-चीन राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने की बात भी कही। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि इसे भारत में खूब सराहा गया है। जयशंकर ने विश्वास जताया कि दोनों देशों के संबंध सामान्य होने से दोनों को लाभ होगा।
अंतरराष्ट्रीय हालात पर चर्चा
जयशंकर ने इस बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा कि जब आज हम मुलाकात कर रहे हैं, तब अंतरराष्ट्रीय स्थिति बेहद जटिल हो गई है। ऐसे में भारत और चीन जैसे प्रमुख और पड़ोसी देशों के बीच विचारों का आदान-प्रदान बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछली मुलाकात के बाद से दोनों देशों के संबंधों में सुधार हुआ है।
मंगलवार को तियानजिन में SCO बैठक में लेंगे हिस्सा
जयशंकर मंगलवार को तियानजिन में आयोजित हो रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। इस सम्मेलन के दौरान वह चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस बैठक में सीमा विवाद, LAC पर तनाव, व्यापार, निवेश और आपसी सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
गलवान झड़प के बाद पहली बार चीन यात्रा
गौरतलब है कि 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में कई सैनिक शहीद हुए थे, जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में भारी तनाव आ गया था। उस तनावपूर्ण स्थिति के पांच साल बाद अब पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने चीन का दौरा किया है, जो दोनों देशों के बीच बातचीत को आगे बढ़ाने का संकेत देता है।
सिंगापुर में भी किया था मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा
चीन जाने से पहले जयशंकर सिंगापुर में थे, जहां उन्होंने भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था। वहां से सीधे वह बीजिंग पहुंचे और अपनी चीन यात्रा की शुरुआत की।