पीटर नवारो एक विवादित अमेरिकी अर्थशास्त्री और लेखक हैं। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले प्रशासन में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में वे सीनियर काउंसलर फॉर ट्रेड एंड मैन्युफैक्चरिंग के पद पर रहे।
वाशिंगटन: अमेरिकी अर्थशास्त्री और लेखक पीटर नवारो फिर से सुर्खियों में हैं। वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले और दूसरे कार्यकाल में वरिष्ठ सलाहकार रह चुके हैं और अमेरिका के व्यापार एवं विनिर्माण नीतियों में उनकी भूमिका अहम मानी जाती है। नवारो की किताब “Death by China” और चीन विरोधी बयान उन्हें वैश्विक मंच पर विवादित शख्सियत बनाते हैं। हाल ही में उन्होंने भारत के खिलाफ दिए गए तीखे बयानों से भारतीय और अमेरिकी विशेषज्ञ समुदाय में चर्चा और नाराज़गी पैदा कर दी है।
पीटर नवारो कौन हैं?
पीटर नवारो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाले अमेरिकी शिक्षाविद और लेखक हैं। उन्होंने कई दशकों तक अर्थशास्त्र पढ़ाया और वैश्विक व्यापार, चीन की आर्थिक नीतियों और अमेरिका के व्यापार घाटे पर केंद्रित किताबें लिखी। उनकी सबसे चर्चित किताब “Death by China” ने चीन के व्यापारिक रवैये और अमेरिकी नौकरियों पर उसके प्रभाव को उजागर किया।
2016 में, जब डोनाल्ड ट्रंप पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने, तब नवारो को व्हाइट हाउस में डायरेक्टर ऑफ द ऑफिस ऑफ ट्रेड एंड मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी बनाया गया। बाद में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में उन्हें सीनियर काउंसलर फॉर ट्रेड एंड मैन्युफैक्चरिंग की जिम्मेदारी दी गई।
पीटर नवारो ट्रंप के खास सलाहकार
पीटर नवारो को ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति के मुख्य रणनीतिकारों में से माना जाता है। उन्होंने चीन और अन्य देशों के साथ व्यापार घाटे को लेकर ट्रंप को आक्रामक नीति अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनकी सिफारिशों के चलते अमेरिका ने कई वैश्विक व्यापार समझौतों की समीक्षा की और चीन पर भारी टैरिफ लगाए। ट्रंप नवारो की स्पष्टवादिता, कठोर भाषा और “डील मेकिंग” की रणनीति से प्रभावित होकर उन्हें अपना खास सलाहकार मानते थे।
हाल ही में नवारो ने भारत के खिलाफ कई विवादास्पद बयान दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत अमेरिकी नौकरियों पर कब्जा कर रहा है और अमेरिकी कंपनियों को तकनीकी क्षेत्र में नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत “चुपचाप चीन की तरह व्यवहार कर रहा है”, जो अमेरिका के लिए खतरा है। ये बयान ऐसे समय में सामने आए हैं जब भारत-अमेरिका संबंध टैरिफ वार और वैश्विक व्यापार तनाव की वजह से जटिल स्थिति में हैं। नवारो के बयान ने अमेरिका में भारतीय समुदाय और व्यापार विशेषज्ञों के बीच चिंता और नाराज़गी बढ़ा दी है।
अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय, जो तकनीकी, चिकित्सा और व्यवसाय क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, ने नवारो के बयानों पर नाराज़गी जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि नवारो का दृष्टिकोण भ्रामक है और अमेरिका-भारत संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है।