केरल के कोल्लम जिले में चिकनपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, अक्टूबर तक लगभग 100 केस दर्ज किए गए। यह संक्रामक बीमारी वयस्कों और बच्चों दोनों में फैल सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है और संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन, सामाजिक दूरी और व्यक्तिगत सफाई पर जोर दिया है।
Chickenpox in Kerala: केरल के कोल्लम जिले में चिकनपॉक्स के मामलों में अचानक तेजी आई है, जहां अक्टूबर 2025 तक लगभग 100 केस सामने आए हैं। यह वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस से फैलने वाली संक्रामक बीमारी बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकती है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि भीड़भाड़ वाले मोहल्लों और सीधा संपर्क संक्रमण को बढ़ा रहे हैं। प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और लोगों को वैक्सीन, दूरी और हाथ धोने जैसी सावधानियां बरतने की सलाह दी है, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
बच्चों से लेकर बड़ों तक फैल रहा संक्रमण
चिकनपॉक्स आमतौर पर बच्चों में दिखाई देता है, लेकिन केरल में वयस्कों में भी इसके मामले देखे गए हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों और संक्रमित लोगों के सीधा संपर्क की वजह से वायरस तेजी से फैल रहा है। कोल्लम जिले के कुछ मोहल्लों और तंग गलियों में संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से पहुँच रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पहले केस कम आ रहे थे, लेकिन बदलते मौसम और लोगों के अधिक संपर्क की वजह से अब यह तेजी से फैल रहा है।
चिकनपॉक्स कैसे फैलता है
मैक्स हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. पीएन चौधरी के अनुसार, चिकनपॉक्स एक वायरस से होता है, जिसे वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस कहा जाता है। यह वायरस बहुत संक्रामक होता है और संक्रमित व्यक्ति की खाँसी या छींक के माध्यम से दूसरों में फैल सकता है। वायरस के कारण शरीर पर दाने निकलने लगते हैं और इन दानों में मौजूद तरल से संक्रमण अन्य लोगों में फैलता है।
डॉ. चौधरी ने बताया कि आमतौर पर बच्चों में यह हल्के रूप में दिखता है, लेकिन वयस्कों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। गंभीर मामलों में दानों की संख्या अधिक हो सकती है और सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है। कुछ मामलों में यह निमोनिया जैसी जटिलताओं का कारण भी बन सकता है।
चिकनपॉक्स के शुरुआती लक्षण
चिकनपॉक्स के शुरुआती लक्षणों में हल्का बुखार, सिरदर्द, शरीर पर लाल दाने और पेट दर्द शामिल हैं। इन लक्षणों की पहचान समय पर होने पर रोग का इलाज आसान हो जाता है।
बचाव के उपाय
चिकनपॉक्स से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है। यदि किसी व्यक्ति ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, तो उसे तुरंत टीका लगवाना चाहिए। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना, भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना और नियमित रूप से हाथ धोना संक्रमण से बचने में मदद करता है।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि अगर किसी को बुखार, कमजोरी या शरीर पर दाने दिखाई दें, तो तुरंत अस्पताल जाएँ। समय पर इलाज से गंभीर मामलों से बचा जा सकता है।
केरल प्रशासन की तैयारी
कोल्लम जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने चिकनपॉक्स के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेष निगरानी बढ़ा दी है। जिले में अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा, जनता को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि लोग संक्रमण के लक्षण पहचान सकें और समय पर इलाज करा सकें।
प्रशासन ने यह भी कहा कि स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी बरती जा रही है, ताकि वायरस का फैलाव कम किया जा सके।