खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन हर साल देवउठनी एकादशी पर मनाया जाता है और इस बार यह पर्व 1 नवंबर 2025 को पड़ रहा है। राजस्थान के सीकर स्थित खाटू मंदिर में लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। जो लोग मंदिर नहीं जा सकते, वे घर पर भी बाबा का जन्मदिन मना सकते हैं और प्रिय भोग लगाकर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
खाटू श्याम बाबा जन्मोत्सव: हर साल की तरह इस बार भी खाटू श्याम जी का जन्मदिन देवउठनी एकादशी के दिन धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पावन अवसर 1 नवंबर 2025, शनिवार को मनाया जाएगा, जिसकी एकादशी तिथि सुबह 9:11 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर की सुबह 7:31 बजे समाप्त होगी। राजस्थान के सीकर जिले स्थित प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर में श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचेंगे। हालांकि, जो लोग वहां नहीं जा पाएंगे, वे घर पर ही पूजा, भजन और बाबा के प्रिय भोग लगाकर जन्मोत्सव मना सकते हैं। कहा जाता है कि सच्चे मन से की गई आराधना से श्याम बाबा हर भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।
घर पर ऐसे मनाएं खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन
अगर आप श्याम प्रेमी हैं और अपने घर पर बाबा का जन्मोत्सव मनाना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ सरल लेकिन पवित्र नियमों का पालन करना चाहिए। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे, preferably पीले या लाल वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को शुद्ध करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
इसके बाद एक साफ चौकी या पटरे पर पीले या लाल कपड़े का आसन बिछाएं। उस पर खाटू श्याम जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। पूजा स्थल को फूलों, गुब्बारों और रंगोली से सजाएं। माना जाता है कि रंगोली बनाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वातावरण भक्तिमय बनता है।
फिर घी का दीपक जलाएं, अगरबत्ती या धूप जलाएं और बाबा को रोली-चंदन से तिलक लगाएं। उन्हें फूलों की माला अर्पित करें। इसके बाद सच्चे मन से श्याम जी के मंत्रों का जाप करें। मंत्र हैं
‘ॐ श्री श्याम देवाय नमः’ या ‘जय श्री श्याम’।
आप इनमें से किसी एक मंत्र का 11, 21, 51 या 108 बार जाप कर सकते हैं।

श्याम बाबा के जन्मोत्सव पर जरूर लगाएं ये भोग
खाटू श्याम बाबा के जन्मदिन की पूजा तभी पूर्ण मानी जाती है जब उन्हें उनका प्रिय भोग अर्पित किया जाए। धार्मिक मान्यता है कि सही भोग से प्रसन्न होकर बाबा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
- कच्चा दूध: कहा जाता है कि यह पहला भोग था जो श्याम बाबा ने खाटू की धरती पर सबसे पहले स्वीकार किया था। इसे बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है। पूजा के बाद कच्चा दूध प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्यों को वितरित करें।
- खीर और चूरमा: यह भोग न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि बाबा श्याम का सबसे प्रिय प्रसाद भी है। मान्यता है कि खीर और चूरमा का भोग चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और हर संकट दूर होता है।
- पंचमेवा प्रसाद: बादाम, काजू, किशमिश, नारियल और छुहारे से बना पंचमेवा प्रसाद विशेष अवसरों पर चढ़ाया जाता है। इसे श्याम बाबा के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
- पेड़े और दूध से बनी मिठाइयां: खोए से बने पेड़े श्याम जी के प्रिय माने जाते हैं। जन्मदिन पर यह भोग जरूर लगाएं। साथ ही मिश्री या दूध से बनी मिठाइयों का प्रसाद भी शुभ फल देता है।
पूजा के बाद करें आरती और भजन
भोग अर्पित करने के बाद कपूर या घी के दीपक से आरती करें और घंटी बजाएं। बाबा की आरती के समय पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। आरती के बाद भजन गाएं और बाबा के जन्मोत्सव के गीतों से घर को आनंद से भर दें।
आप चाहें तो शाम के समय परिवार और मित्रों के साथ एक छोटी भजन संध्या भी आयोजित कर सकते हैं। इस दिन ‘हारे के सहारे खाटू श्याम हमारे’ भजन विशेष रूप से गाया जाता है। कहा जाता है कि इस भजन के गायन से बाबा प्रसन्न होते हैं और संकटों से रक्षा करते हैं।
क्यों मनाया जाता है खाटू श्याम बाबा का जन्मोत्सव?
खाटू श्याम जी को महाभारत काल के बर्बरीक का अवतार माना जाता है। बर्बरीक भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र थे, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने वरदान दिया था कि कलियुग में वे ‘श्याम नाम’ से पूजे जाएंगे और हारे हुए का सहारा बनेंगे। इसी कारण भक्त उन्हें “हारे के सहारे” कहते हैं।
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु शयन से जागते हैं और उसी दिन श्याम बाबा का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। यह दिन भक्तों के लिए दोहरी आस्था का प्रतीक बन जाता है।
राजस्थान के खाटू मंदिर में होगी बड़ी धूम
खाटू श्याम मंदिर (सीकर, राजस्थान) में जन्मोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और भव्य झांकियों से सजाया जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान भक्तों के लिए भक्त निवास, भंडारा और सत्संग जैसी व्यवस्थाएं भी की जाती हैं।
मंदिर प्रशासन के मुताबिक, इस साल भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की उम्मीद है। मंदिर में सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
घर पर भी मिलेगी बाबा की कृपा
अगर आप इस बार खाटू नहीं जा पा रहे हैं, तो चिंता की बात नहीं है। सच्चे मन से घर पर पूजा करने पर भी श्याम बाबा की कृपा उतनी ही मिलती है जितनी मंदिर में जाकर पूजा करने पर। भक्ति का असली अर्थ मन की भावना में है, न कि स्थान में।
घर में पूजा के समय मोबाइल या टीवी बंद रखें और शांत वातावरण बनाएं। श्याम जी की तस्वीर के सामने बैठकर ध्यान करें और उनसे अपने जीवन की हर परेशानी से मुक्ति की प्रार्थना करें।













