महाराष्ट्र के कल्याण में रिसेप्शनिस्ट के साथ मारपीट के वायरल मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। जहां पहले वीडियो में आरोपी व्यक्ति को महिला रिसेप्शनिस्ट को बेरहमी से पीटते देखा गया था, अब एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें पूरी घटना की शुरुआत रिसेप्शनिस्ट के आक्रामक व्यवहार से होती नजर आ रही है। नए फुटेज में दिखता है कि महिला रिसेप्शनिस्ट ने पहले आरोपी की महिला रिश्तेदार को थप्पड़ मारा और फिर गाली-गलौज करने लगी, जिसके बाद गुस्से में आए व्यक्ति ने उसके साथ हिंसक व्यवहार किया।
यह वीडियो सामने आने के बाद मामला उलझ गया है और लोगों के बीच इसे लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या वायरल हुए पहले वीडियो के आधार पर आरोपी की छवि एकतरफा तरीके से तय कर दी गई थी?
संजय निरुपम ने जताई चिंता
मामले पर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नया और पूरा वीडियो शेयर करते हुए लोगों से अपील की कि बिना तथ्यों को समझे किसी को दोषी करार न दें। उन्होंने कहा कि हम सबको राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए। निरुपम ने सवाल किया, क्या हम फिर से आदिम युग की ओर लौट रहे हैं, जहां बिना जांच-पड़ताल किसी को अपराधी ठहरा दिया जाता है?
संजय निरुपम ने यह भी कहा कि पुलिस को निष्पक्ष जांच करते हुए दोनों पक्षों की भूमिका का विश्लेषण करना चाहिए ताकि कोई निर्दोष न फंसे और दोषी को सजा मिले।
दोनों पक्षों का व्यवहार अनुचित
नए वीडियो ने यह स्पष्ट किया है कि घटना में सिर्फ एक पक्ष की गलती नहीं थी। महिला द्वारा पहले हाथ उठाना और फिर दोनों पक्षों की ओर से की गई बदतमीजी यह दर्शाती है कि सार्वजनिक स्थानों पर संयम बनाए रखना और कानूनी दायरे में रहना कितना जरूरी है। चाहे महिला हो या पुरुष, हिंसा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
इस घटना ने सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में हलचल जरूर मचा दी है, लेकिन यह भी सिखाया है कि अधूरी जानकारी के आधार पर राय बनाना समाज को गलत दिशा में ले जा सकता है। ऐसे मामलों में संपूर्ण तथ्य सामने आने के बाद ही कोई निष्कर्ष निकालना ही बेहतर होता है।