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कोटा: दशहरे पर 233 फुट ऊंचे रावण के दहन से बना विश्व रिकॉर्ड

कोटा: दशहरे पर 233 फुट ऊंचे रावण के दहन से बना विश्व रिकॉर्ड

राजस्थान के कोटा में दशहरा मेले के दौरान 233 फुट ऊंचे रावण का दहन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी में यह ऐतिहासिक आयोजन संपन्न हुआ।

कोटा: राजस्थान के कोटा शहर में 2 अक्टूबर को दशहरा मेले के दौरान 233 फुट ऊंचे रावण के दहन कर एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की उपस्थिति रही। इस अवसर पर कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का भी दहन किया गया। हजारों की संख्या में लोग इस अनूठे दृश्य का आनंद लेने दशहरा मैदान में जमा हुए।

233 फुट ऊंचा रावण जलाकर बनाया विश्व रिकॉर्ड

देशभर में बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक रूप में दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। कोटा का राष्ट्रीय दशहरा मेला इस साल और भी खास रहा क्योंकि यहां 233 फुट ऊंचे रावण का दहन किया गया, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बन गया। इससे पहले दिल्ली में 210 फुट ऊंचे रावण का रिकॉर्ड था।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि दशहरा अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी उपस्थित लोगों को संदेश दिया कि रावण दहन हमें अहंकार त्यागने और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह आयोजन पूरे देश में सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना बढ़ाने का काम करेगा।

राष्ट्रीय दशहरा मेले में पुतलों का भव्य दहन

132वें राष्ट्रीय दशहरा मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान कोटा के पूर्व राजपरिवार के मुखिया इज्यराज सिंह ने भगवान लक्ष्मीनारायण की शोभायात्रा का नेतृत्व किया। रावण के विशाल पुतले को उनके द्वारा छोड़े गए तीर से दहन किया गया, जिससे दर्शकों में रोमांच और उत्साह देखने को मिला।

इस ऐतिहासिक आयोजन में पुतलों की भव्यता ने सभी का ध्यान खींचा। 233 फुट ऊंचे रावण के साथ-साथ कुंभकर्ण और मेघनाथ के 60-60 फुट ऊंचे पुतले भी जलाए गए। इस भव्य दृश्य ने दशहरा की परंपरा और धार्मिक महत्व को और भी जीवंत कर दिया।

पुतलों की तैयारी और कारीगरों की मेहनत

अंबाला के कारीगर तेजेंद्र चौहान और उनकी 25 सदस्यीय टीम ने चार महीनों की मेहनत के बाद इन विशाल पुतलों का निर्माण किया। पुतलों की संरचना, डिजाइन और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। इस प्रयास ने यह साबित किया कि भारतीय लोक कला और परंपरा में परिश्रम और नवाचार का अद्भुत मिश्रण मौजूद है।

कारीगरों का यह योगदान न केवल कला का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवंतता को भी दर्शाता है। हजारों लोगों ने पुतलों को नजदीक से देखकर उनकी भव्यता और विवरण की तारीफ की।

CM भजनलाल शर्मा का बयान 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कोटा दशहरा सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं का संगम है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि रावण दहन हमें अहंकार त्यागने, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने का संदेश देता है।

यह आयोजन न केवल कोटा के लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बना। दशहरा के इस भव्य उत्सव ने यह संदेश दिया कि परंपरा और आधुनिकता का संगम समाज को जोड़ने और नैतिक मूल्यों को मजबूत करने का माध्यम हो सकता है।

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