बॉलीवुड अभिनेत्री कृति सेनन को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने भारत में लैंगिक समानता यानी जेंडर इक्वेलिटी का एम्बेस्डर नियुक्त किया है। कृति ने इस नई जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए कहा कि लैंगिक समानता की नींव घर से ही शुरू होती है।
एंटरटेनमेंट: बॉलीवुड अभिनेत्री कृति सेनन अपने अभिनय के साथ-साथ सार्वजनिक तौर पर खुलकर राय रखने के लिए भी जानी जाती हैं। वह अक्सर लैंगिक भेदभाव और फिल्म इंडस्ट्री में असमानताओं के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाती रहती हैं। अब संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने भारत में लैंगिक समानता (Gender Equality) को बढ़ावा देने के लिए कृति सेनन को अपना एंबेस्डर बनाया है।
इस भूमिका में कृति अपने साथियों के साथ मिलकर ऐसे समाधानों पर विचार करेंगी, जिनसे महिलाओं और लड़कियों को सीखने, नेतृत्व करने और आगे बढ़ने में मदद मिले। साथ ही, यह पहल यूएनएफपीए के समानता के मिशन को भी मजबूती प्रदान करेगी।
कृति सेनन का संदेश: घर से शुरू होती समानता
यूएनएफपीए की इस पहल का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा, नेतृत्व और समान अवसर प्रदान करना है। कृति सेनन ने मिरर को दिए इंटरव्यू में कहा:
'हम अक्सर सुनते हैं कि परिवार के पास अपने बेटे और बेटी दोनों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते, इसलिए वे बेटे को प्राथमिकता देते हैं। यह सोच गलत है। शिक्षा और करियर के विकल्प हर बच्चे को बराबरी के अवसर मिलने चाहिए। मेरे माता-पिता ने कभी मुझे यह एहसास नहीं दिलाया कि मैं एक लड़की हूं। यही वजह है कि मुझे हमेशा लगा कि पुरुष और महिला समान हैं।'
कृति ने यह भी बताया कि उनकी बहन नूपुर सेनन के साथ उनकी परवरिश पूरी तरह स्वतंत्र और समान अवसरों के साथ की गई। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने कभी भी उनके सपनों को सीमित नहीं किया। लोग कहते थे कि एक लड़की बनने के कारण मैं अभिनेत्री बनना चाहती हूं, तो शादी नहीं कर पाऊंगी। लेकिन मेरे माता-पिता ने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया।
जब आप अपने माता-पिता को दोनों को काम करते और घर संभालते देखते हैं, तो आपको एहसास होता है कि लैंगिक भूमिका केवल एक सामाजिक निर्माण है।
यूएनएफपीए के साथ कृति सेनन का योगदान
यूएनएफपीए के एम्बेस्डर के रूप में, कृति सेनन का काम महिलाओं और लड़कियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना और समानता की दिशा में जागरूकता फैलाना होगा। वह युवा वर्ग और समाज में लिंग आधारित भेदभाव को खत्म करने के लिए काम करेंगी। कृति ने कहा कि समानता का संदेश घर से शुरू होना चाहिए, ताकि बच्चे छोटे उम्र से ही समझ सकें कि किसी भी क्षेत्र में उनकी योग्यता और मेहनत उनके लिंग पर निर्भर नहीं करती।