सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में आयोजित 11 किलोमीटर लंबी कावड़ यात्रा के दौरान दो दिनों में दो अलग-अलग हादसों में चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे हड़कंप मचा हुआ है।
Madhya Pradesh: सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में आयोजित 11 किलोमीटर लंबी कावड़ यात्रा के दौरान मंगलवार और बुधवार को दो अलग-अलग हादसों में चार श्रद्धालुओं की मौत हुई। मंगलवार को रुद्राक्ष वितरण के समय भगदड़ में दो महिलाओं की जान गई, जबकि बुधवार को भारी भीड़ के बीच दो और श्रद्धालु अपनी अंतिम सांसें छोड़ बैठे। श्रद्धालुओं ने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा इंतजामों में सुधार का आश्वासन दिया है।
भीड़ के बीच भगदड़ और श्रद्धालुओं की मौत
सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को आयोजित कावड़ यात्रा के दौरान रुद्राक्ष वितरण के समय भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई जबकि कई घायल हुए। इसके बाद बुधवार को यात्रा की शुरुआत सिवान नदी से कुबेरेश्वर धाम तक करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के साथ हुई। भारी भीड़ के बीच दो और श्रद्धालुओं की मौत की खबर आई, जिनमें एक हरियाणा और दूसरा गुजरात का रहने वाला था। इन हादसों ने आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन की तैयारी और श्रद्धालुओं की नाराजगी
11 किलोमीटर लंबी इस यात्रा को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल, मेडिकल टीम, सफाई और ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था की थी। बावजूद इसके भारी भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन असफल रहा। श्रद्धालुओं ने पुलिस और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि बेहतर भीड़ प्रबंधन के अभाव में यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जांच और कार्रवाई की मांग
पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा आयोजित इस धार्मिक आयोजन में हुई मौतों को लेकर अब जांच शुरू कर दी गई है। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन समीक्षा की जाएगी और लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, आने वाले समय में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा प्रबंधों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।