नासा की अंतरिक्ष यात्री निकोल एयर्स ने अंतरिक्ष स्टेशन से तूफान के ऊपर एक दुर्लभ लाल स्प्राइट की तस्वीर ली, जो ऊपरी वायुमंडल की रहस्यमयी विद्युत घटना है। यह नासा की स्प्राइटेक्यूलर परियोजना के लिए अहम डेटा साबित हुई।
Space: अंतरिक्ष से ली गई अनोखी तस्वीरों में एक और ऐतिहासिक पल जुड़ गया है। जुलाई 2025 की शुरुआत में, नासा की अंतरिक्ष यात्री निकोल "वेपर" एयर्स ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से एक तूफ़ान के ऊपर दुर्लभ लाल स्प्राइट की तस्वीर खींची। यह घटना वैज्ञानिकों के लिए एक उत्साहजनक क्षण साबित हुई है, क्योंकि स्प्राइट्स आज भी वायुमंडलीय घटनाओं के सबसे कम समझे गए पहलुओं में से एक हैं।
क्या होता है 'स्प्राइट'?
स्प्राइट एक प्रकार की विद्युत घटना है जो सामान्य बिजली गिरने की घटना से बहुत अलग होती है। यह ऊपरी वायुमंडल में 50 से 80 किलोमीटर की ऊँचाई पर दिखाई देती है और इसकी चमक केवल कुछ मिलीसेकंड तक रहती है। स्प्राइट्स आमतौर पर शक्तिशाली बिजली गिरने के बाद गरजते बादलों के ऊपर उत्पन्न होते हैं। इन्हें नंगी आंखों से देख पाना मुश्किल होता है, इसलिए इनकी तस्वीरें और वीडियो वैज्ञानिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। निकोल एयर्स द्वारा ली गई इस तस्वीर में स्प्राइट एक विशाल उलटी छतरी की तरह आकाश में फैला हुआ दिखाई देता है, जो लाल रोशनी की चमक के साथ बेहद आकर्षक लगता है।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से मिला अद्भुत दृश्य
निकोल एयर्स जब 250 मील (लगभग 400 किलोमीटर) की ऊँचाई से पृथ्वी की परिक्रमा कर रही थीं, तब उन्होंने यह अद्भुत घटना मेक्सिको और दक्षिण अमेरिका के ऊपर के तूफानी बादलों में होते हुए देखी। अंतरिक्ष से बादलों के ऊपर का दृश्य स्पष्ट और विशाल होता है, जिससे इन क्षणभंगुर घटनाओं को पहचानना आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष स्टेशन एक आदर्श स्थान है, जहाँ से वैज्ञानिक इन अल्पकालिक और रहस्यमयी घटनाओं को आसानी से रिकॉर्ड कर सकते हैं। यही वजह है कि अंतरिक्ष से ली गई यह तस्वीर स्प्राइट रिसर्च में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
स्प्राइटक्यूलर: विज्ञान और आम जनता का मेल
नासा की स्प्राइटक्यूलर (Spriteacular) नामक नागरिक-विज्ञान परियोजना स्प्राइट्स और अन्य ऊपरी वायुमंडलीय घटनाओं पर डेटा एकत्र करने के लिए बनाई गई है। इसमें कैमरा रखने वाले आम लोग भी भाग ले सकते हैं और अपनी तस्वीरें परियोजना में भेज सकते हैं। 2022 में शुरू हुई इस पहल में अब तक 21 देशों के 800 से अधिक नागरिक शामिल हो चुके हैं, जिन्होंने कुल 360 से अधिक स्प्राइट घटनाओं को डॉक्यूमेंट किया है।
अंतरिक्ष से नए दृष्टिकोण की शुरुआत
ISS से ली गई तस्वीरें वैज्ञानिकों को ऐसा नज़रिया देती हैं जो धरती से संभव नहीं होता। जब बादलों के ऊपर से देखा जाता है तो स्प्राइट्स की बनावट, फैलाव और रंग ज्यादा स्पष्ट नजर आते हैं। यही वजह है कि अब नासा के कई अंतरिक्ष यात्री नियमित रूप से इस तरह की घटनाओं को डॉक्यूमेंट कर रहे हैं।
स्प्राइट्स केवल पृथ्वी तक सीमित नहीं
स्प्राइट्स केवल पृथ्वी की ही नहीं, बल्कि अन्य ग्रहों की वायुमंडलीय प्रक्रियाओं का भी हिस्सा हो सकते हैं। नासा के जूनो मिशन ने बृहस्पति ग्रह पर भी स्प्राइट्स जैसी चमक दर्ज की है। इसका मतलब है कि ब्रह्मांड में विद्युत् घटनाएं व्यापक रूप से फैली हुई हैं और इनका अध्ययन हमें ग्रहों की जलवायु और उनकी संरचना के बारे में नई जानकारी दे सकता है।
स्प्राइट्स पर शोध की अहमियत
आज भी वैज्ञानिकों को पूरी तरह से नहीं पता कि स्प्राइट्स किस प्रक्रिया से बनते हैं, इनका जीवनकाल कितना होता है और इनका मौसम या जलवायु पर क्या प्रभाव होता है। ऐसे में हर तस्वीर, हर रिपोर्ट वैज्ञानिकों को इन रहस्यों को समझने में मदद करती है। निकोल एयर्स की तस्वीर, जिसमें एक दुर्लभ लाल स्प्राइट स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, विज्ञान के लिए एक बड़ा योगदान है।