केंद्र सरकार LIC में 1-1.5 अरब डॉलर (8,800-13,200 करोड़ रुपये) की हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है ताकि पब्लिक शेयरहोल्डिंग 10% तक बढ़ाई जा सके। यह बिक्री कई चरणों में होगी और इसके लिए जल्द ही रोड शो आयोजित किए जाएंगे। यह कदम सेबी के निर्देशों के अनुरूप उठाया जा रहा है।
LIC: लगभग 43 महीनों बाद LIC दोबारा बाजार में उतरने की तैयारी में है। सरकार इस साल के अंत तक LIC में 1-1.5 अरब डॉलर यानी करीब 13,200 करोड़ रुपये तक की हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है, जिससे कंपनी की पब्लिक होल्डिंग 10% तक पहुंच सके। इसके लिए जल्द ही रोड शो शुरू होने की संभावना है। यह बिक्री कई चरणों में की जाएगी ताकि शेयर की कीमत पर नकारात्मक असर न पड़े। फिलहाल सरकार के पास LIC में 96.5% हिस्सेदारी है।
सरकार का बड़ा प्लान
केंद्र सरकार LIC में अपनी हिस्सेदारी को धीरे-धीरे घटाने की दिशा में काम कर रही है। सरकार के पास फिलहाल LIC में 96.5 फीसदी की हिस्सेदारी है। मई 2022 में सरकार ने कंपनी का आईपीओ लाकर 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी। उस समय सरकार ने इस शेयर बिक्री से करीब 20,557 करोड़ रुपये जुटाए थे। यह भारत के इतिहास में सबसे बड़ी शेयर बिक्री में से एक मानी गई थी।
अब सरकार सेबी के नियमों के अनुसार पब्लिक शेयर होल्डिंग को 10 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिए 2027 तक कुल 6.5 फीसदी और हिस्सेदारी बेचनी होगी। मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से यह हिस्सेदारी करीब 37,000 करोड़ रुपये की हो सकती है। हालांकि, सरकार इसे एक साथ नहीं बल्कि कई चरणों में बेचने की योजना बना रही है।
रोड शो से परखी जाएगी निवेशकों की दिलचस्पी
इस प्रक्रिया को संभालने वाले निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने निवेशकों के रुझान को समझने के लिए रोड शो आयोजित करने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, यह रोड शो देश और विदेश दोनों जगह किए जा सकते हैं। निवेशकों की मांग देखने के बाद ही यह तय होगा कि हिस्सेदारी बिक्री किस माध्यम से की जाएगी — योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) या ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए।
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अभी तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सरकार चाहती है कि इस प्रक्रिया से LIC के शेयर मूल्य पर नकारात्मक असर न पड़े। इसलिए हिस्सेदारी धीरे-धीरे और चरणबद्ध तरीके से बेची जाएगी।
शेयर बाजार में LIC की स्थिति

LIC के शेयर की कीमत फिलहाल अपने आईपीओ प्राइस से नीचे चल रही है। 3 जुलाई से कंपनी का शेयर मूल्य 949 रुपये के इश्यू प्राइस से कम है। मंगलवार को शेयर मामूली बढ़त के साथ 900.7 रुपये पर बंद हुआ। फिलहाल LIC का मार्केट कैप लगभग 5.7 लाख करोड़ रुपये है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह कदम LIC के शेयरों में नई हलचल ला सकता है। कई निवेशक कंपनी के दीर्घकालिक प्रदर्शन को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि यह देश के बीमा बाजार की सबसे बड़ी खिलाड़ी है।
सेबी की समय सीमा और नियम
मई 2024 में सेबी ने LIC को 10 फीसदी सार्वजनिक हिस्सेदारी की शर्त पूरी करने के लिए तीन साल का अतिरिक्त समय दिया था। यानी LIC के पास मई 2027 तक यह लक्ष्य हासिल करने का मौका है। साथ ही सेबी ने यह भी निर्देश दिया है कि मई 2032 तक एलआईसी को अपनी पब्लिक शेयर होल्डिंग 25 फीसदी तक बढ़ानी होगी।
सेबी ने यह राहत इसलिए दी ताकि किसी भी समय बाजार में शेयरों की अधिक सप्लाई से गिरावट न आए। कई सरकारी वित्तीय संस्थानों को भी इसी तरह की छूट दी गई है ताकि बाजार स्थिर बना रहे।












