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मालेगांव केस पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने, फैसले ने बढ़ाई सियासी गर्मी

मालेगांव केस पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने, फैसले ने बढ़ाई सियासी गर्मी

मालेगांव ब्लास्ट केस में अदालत द्वारा 31 जुलाई को सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद सियासी घमासान तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक राजनीतिक संकेत और संभावित साजिश बताया। संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई दोषी है तो उसे सजा मिलनी चाहिए क्योंकि यही जनता की भावना है, लेकिन इस फैसले की टाइमिंग पर सवाल जरूर खड़े होते हैं।

अखिलेश बोले- एक खबर को दबाने के लिए लाई गई दूसरी खबर?

अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने अभी कोर्ट का पूरा फैसला नहीं पढ़ा है, लेकिन इतने गंभीर मामले में अगर कोई दोषी पाया गया होता तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए थी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में आम जनता की अपेक्षा होती है कि कानून अपना काम सही ढंग से करे। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह भी सोचना चाहिए कि कहीं किसी बड़ी खबर को दबाने के लिए यह मामला अचानक सुर्खियों में तो नहीं लाया गया।

सपा प्रमुख ने अमेरिका की हालिया घटनाओं और चीन की आक्रामक नीतियों की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि देश के सामने टैरिफ, सुरक्षा और आर्थिक स्थिति जैसे गंभीर मुद्दे हैं, लेकिन जनता का ध्यान भटकाने के लिए कुछ खबरों को उछाला जा रहा है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि पड़ोसी देश भारत के व्यापार और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं और ऐसे में इन अहम मुद्दों पर फोकस करना जरूरी है।

फैसले के बाद पक्ष-विपक्ष में जुबानी जंग

कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह फैसला न्याय नहीं बल्कि सिर्फ एक प्रक्रिया का नतीजा है। उन्होंने इसे लेकर अपनी नाराज़गी जाहिर की। वहीं, बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने हिंदुओं को बदनाम करने के लिए जानबूझकर भगवा आतंकवाद का नैरेटिव चलाया था, जिसे अब अदालत ने खारिज कर दिया है।

संत समाज और बीजेपी सांसदों ने फैसले का किया स्वागत

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए न्यायिक प्रक्रिया को धन्यवाद दिया। इस बीच भाजपा सांसद रवि किशन ने भी अदालत के निर्णय को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पिछले 17 सालों तक इस केस में आरोप झेले, उनके खोए हुए जीवन का हिसाब कौन देगा? उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'भगवा आतंकवाद' शब्द गढ़ने वाले नेताओं को अब 100 करोड़ हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए।

गौरतलब है कि एनआईए कोर्ट ने सबूतों के अभाव में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत सभी आरोपियों को मालेगांव विस्फोट मामले में बरी कर दिया है। फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है और आने वाले दिनों में इस पर और भी सियासी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।

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