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Mann Ki Baat: स्पेस मिशन से लेकर इतिहास की विरासत तक, पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

Mann Ki Baat: स्पेस मिशन से लेकर इतिहास की विरासत तक, पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा, खुदीराम बोस की शहादत, मराठा किलों को विश्व धरोहर का दर्जा और विज्ञान में बच्चों की रुचि जैसे विषयों पर चर्चा की।

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 124वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। संसद के मानसून सत्र के बीच यह उनका पहला सार्वजनिक संवाद था, जिस पर पूरे देश की नजरें टिकी थीं। इस बार का कार्यक्रम कई अहम मुद्दों और प्रेरणादायक कहानियों से भरपूर रहा।

शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर प्रधानमंत्री का संदेश

कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा के जिक्र से की। उन्होंने कहा कि जैसे ही शुभांशु अंतरिक्ष से लौटे, पूरा देश गर्व से भर गया। उन्होंने इसे चंद्रयान 3 की सफलता के बाद देश में साइंस और स्पेस के प्रति बढ़ती जिज्ञासा का परिणाम बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज छोटे-छोटे बच्चे भी कह रहे हैं कि वे भी स्पेस में जाएंगे। यह बदलाव वैज्ञानिक सोच और नवाचार की दिशा में भारत के बढ़ते कदम का प्रतीक है।

बच्चों में विज्ञान के प्रति बढ़ रही रुचि

प्रधानमंत्री ने बताया कि 'इंस्पायर मानक अभियान' के तहत हर स्कूल से पांच छात्रों को चुना जाता है, जो अपने नए-नए आइडिया लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रयान 3 के बाद इस योजना के तहत चुने गए बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अब बच्चे विज्ञान, तकनीक और नवाचार में अधिक रुचि ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्पेस सेक्टर में startup भी तेजी से बढ़ रहे हैं। साथ ही लोगों से अपील की कि आगामी 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाएं और अपने अनुभव नमो भारत ऐप पर साझा करें।

यूनेस्को द्वारा मराठा किलों को विश्व धरोहर में शामिल करना गर्व की बात

प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' में मराठा इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को भी सम्मान दिया। उन्होंने बताया कि यूनेस्को ने 12 मराठा किलों को विश्व धरोहर (World Heritage) का दर्जा दिया है। इनमें से 11 किले महाराष्ट्र में हैं और 1 तमिलनाडु में स्थित है। पीएम मोदी ने कहा कि इन किलों से इतिहास के कई महत्वपूर्ण पन्ने जुड़े हुए हैं। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे इन किलों की यात्रा करें और भारत के गौरवशाली इतिहास को जानें।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी खुदीराम बोस को दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने आजादी के संघर्ष की याद दिलाते हुए कहा कि 11 अगस्त 1908 को बिहार के मुजफ्फरपुर में 18 वर्षीय युवा खुदीराम बोस को अंग्रेजों ने फांसी दी थी। उन्होंने बताया कि जब उन्हें फांसी दी जा रही थी, उस समय उनकी आंखों में भय नहीं, बल्कि गर्व और साहस का भाव था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की पीढ़ी को खुदीराम बोस जैसे वीरों के बलिदान को याद रखना चाहिए, जिससे उनमें देशप्रेम की भावना और मजबूत हो।

अगस्त का महीना क्यों है विशेष

प्रधानमंत्री ने अगस्त के महीने को क्रांति का महीना बताया। उन्होंने कहा कि 1 अगस्त को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि होती है, 8 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी और 15 अगस्त को देश स्वतंत्र हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिससे बंटवारे की पीड़ा को याद किया जा सके। साथ ही उन्होंने बताया कि इस वर्ष 7 अगस्त को 'नेशनल हैंडलूम डे' को 10 साल पूरे हो रहे हैं।

 

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