Meta अमेरिका की AI स्टार्टअप कंपनी PlayAI का अधिग्रहण करने की योजना बना रहा है। यह डील कंपनी को अधिक ह्यूमन-लाइक वॉयस AI टेक्नोलॉजी देने में मदद करेगी। PlayAI रीयल-टाइम वॉयस इंटरफेस पर काम करती है।
PlayAI: AI की दुनिया में प्रतिस्पर्धा दिन-ब-दिन तेज होती जा रही है। टेक दिग्गज Meta इस दौड़ में सबसे आगे निकलने के लिए अब वॉयस AI टेक्नोलॉजी पर बड़ा दांव लगाने जा रही है। खबरों के मुताबिक, Meta जल्द ही अमेरिका के पालो आल्टो स्थित उभरते हुए AI स्टार्टअप PlayAI का अधिग्रहण कर सकती है। यह डील Meta को ChatGPT और Google Gemini जैसे AI वॉयस इंटरफेस के प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले खड़ा करने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
क्या है PlayAI और क्यों खास है ये स्टार्टअप?
PlayAI की स्थापना साल 2019 में Hammad Syed और Mahmoud Felfel ने की थी। यह स्टार्टअप विशेष रूप से रीयल-टाइम कन्वर्सेशनल एजेंट्स, वॉयस इंटरफेस, और इन-हाउस AI वॉयस मॉडल्स विकसित करने में माहिर है। इसकी टेक्नोलॉजी यूज़र्स को अधिक प्राकृतिक, ह्यूमन-लाइक और इंटरैक्टिव वॉयस अनुभव देती है। यही वजह है कि Meta, जो फिलहाल AI वॉयस स्पेस में पीछे है, अब इस स्टार्टअप को अपनी टीम में शामिल करना चाहता है।
PlayAI की ताकत यह है कि यह TTS (Text-to-Speech) से कहीं आगे जाकर emotive, expressive और context-aware वॉयस आउटपुट पर काम करता है। यानी यह न केवल बोलेगा, बल्कि भावों के साथ बोलेगा—ठीक इंसानों की तरह।
डील की शर्तें और रणनीति
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह अधिग्रहण डील अभी प्रारंभिक चरण में है लेकिन इसके जल्दी फाइनल होने की संभावना जताई जा रही है। डील में PlayAI के कुछ प्रमुख कर्मचारियों को Meta की AI टीम में शामिल करने का प्रस्ताव भी शामिल है, जिससे कंपनी को टेक्नोलॉजी के साथ-साथ टैलेंट भी मिलेगा।
फिलहाल इस डील की वित्तीय शर्तें गुप्त रखी गई हैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि Meta इसके ज़रिए AI स्पेस में अपनी स्थिति को और मज़बूत करना चाहता है—विशेषकर वॉयस इंटरफेस के मामले में।
क्यों जरूरी है Meta के लिए यह अधिग्रहण?
Meta की AI चैटबॉट टेक्नोलॉजी अभी तक मुख्यतः टेक्स्ट आधारित रही है। कंपनी ने हाल ही में अपने AI चैटबॉट में दो-तरफा वॉयस कन्वर्सेशन फीचर भी जोड़ा है, लेकिन यह अभी केवल लो-लेटेंसी TTS (Text-to-Speech) टूल तक सीमित है। इसके मुकाबले OpenAI का ChatGPT और Google का Gemini पहले से ही भावनात्मक और इंटरएक्टिव वॉयस अनुभव दे रहे हैं।
PlayAI का अधिग्रहण Meta को तीन बड़ी चीज़ें देगा:
- ह्यूमन-लाइक वॉयस आउटपुट
- बेहतर रीयल-टाइम इंटरफेस
- AI इंफ्रास्ट्रक्चर को नया स्तर
Meta की AI दुनिया में आक्रामक रणनीति
Meta इस समय AI स्पेस में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। हाल ही में यह खबरें भी आई थीं कि Meta ने AI सर्च स्टार्टअप Perplexity और वीडियो जेनरेशन AI स्टार्टअप Runway AI को भी खरीदने की कोशिश की थी। यह दिखाता है कि Meta अब केवल सोशल मीडिया कंपनी नहीं, बल्कि एक व्यापक AI टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के रूप में खुद को स्थापित करना चाहता है।
वॉयस AI इस रणनीति का अहम हिस्सा बन चुका है, क्योंकि यही वह ज़रिया है जिससे भविष्य के स्मार्टफोन, हेडसेट्स और AR/VR डिवाइसेज़ में AI अनुभव को और ज़्यादा स्वाभाविक और व्यक्तिगत बनाया जा सकेगा।
यूज़र्स को क्या फायदा होगा?
PlayAI की टेक्नोलॉजी के Meta में शामिल हो जाने से यूज़र्स को:
- अधिक प्राकृतिक और भावपूर्ण वॉयस इंटरफेस मिलेगा
- Facebook, Instagram, और WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म पर एन्हांस्ड वॉयस फीचर्स देखने को मिल सकते हैं
- AI असिस्टेंट के साथ संवाद करना और रीयल टाइम में सवाल-जवाब करना आसान होगा
- भविष्य के VR और मेटावर्स एक्सपीरियंस में इंटरएक्टिव वॉयस कंट्रोल आएगा