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MIC Electronics के शेयरों में फिर दिखी रफ्तार, सिंगापुर डील की खबर से बाजार में हलचल

MIC Electronics के शेयरों में फिर दिखी रफ्तार, सिंगापुर डील की खबर से बाजार में हलचल

रेलवे और टेलीकॉम सेक्टर के लिए सॉफ्टवेयर और एलईडी डिस्प्ले बनाने वाली कंपनी MIC Electronics इन दिनों शेयर बाजार में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। बुधवार को इसके शेयरों में करीब 4 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई, जिसके बाद यह स्टॉक ₹54.27 के स्तर तक पहुंच गया। इस बढ़त के पीछे वजह रही कंपनी की एक नई डील से जुड़ी घोषणा, जिसमें उसने सिंगापुर की एक कंपनी को खरीदने की योजना की जानकारी दी।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में बताया कि 25 जुलाई 2025 को होने वाली बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। इसी बैठक में संभावित रूप से एक शुरुआती समझौता यानी MoU पर भी सहमति बन सकती है।

कंपनी क्या बनाती है और इसका कारोबार क्या है

MIC Electronics भारत में एलईडी टेक्नोलॉजी आधारित डिस्प्ले सिस्टम, रेलवे के इलेक्ट्रॉनिक समाधान और टेलीकॉम सेक्टर के लिए सॉफ्टवेयर बनाने के काम में लगी हुई है। इसके प्रोडक्ट्स में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाली LED वीडियो स्क्रीन, रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में लगने वाले डिस्प्ले सिस्टम शामिल हैं।

इसके अलावा, कंपनी डिजिटल डिस्प्ले से जुड़ी तकनीक पर भी काम करती है, जिसे रेलवे, एयरपोर्ट, स्टेडियम और दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाता है। कंपनी का कामकाज टेक्नोलॉजी आधारित है, जिससे इसका बाजार दायरा भी तेजी से बढ़ रहा है।

बोर्ड मीटिंग से पहले शेयरों में दिखी हलचल

22 जुलाई को MIC Electronics ने जानकारी दी थी कि वह एक सिंगापुर की कंपनी के अधिग्रहण की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह डील कंपनी के विस्तार के नजरिए से अहम मानी जा रही है। हालांकि अभी इस सिंगापुर की कंपनी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है।

इस प्रस्ताव को लेकर 25 जुलाई को कंपनी की बोर्ड मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें प्रारंभिक समझौते यानी MoU और उससे जुड़े दस्तावेजों पर बातचीत होगी। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस डील को लेकर अंतिम फैसला आने तक कंपनी के कर्मचारी और उनके रिश्तेदार कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री नहीं कर पाएंगे।

तीन साल में दिया जबरदस्त रिटर्न, लेकिन हालात बदले

MIC Electronics उन कंपनियों में से रही है, जिन्होंने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। पिछले तीन सालों की बात करें तो कंपनी के शेयर ने 340 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है। यानी किसी निवेशक ने अगर तीन साल पहले इसमें निवेश किया होता, तो उसकी पूंजी तीन गुना से भी ज्यादा हो चुकी होती।

हालांकि, पिछले एक साल में शेयर की चाल कुछ कमजोर रही है। इसमें 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। साल 2025 की शुरुआत से अब तक यह स्टॉक करीब 37 प्रतिशत तक टूट चुका है। 19 सितंबर 2024 को इस शेयर ने ₹114.74 का उच्चतम स्तर छुआ था, जबकि 7 अप्रैल 2025 को यह ₹49.50 के निचले स्तर तक लुढ़क गया था।

कंपनी का मार्केट कैप और मौजूदा स्थिति

बाजार में हालिया गिरावट के बावजूद MIC Electronics का मार्केट कैप अभी भी ₹1,312.07 करोड़ के आसपास बना हुआ है। यह आंकड़ा कंपनी के ब्रांड वैल्यू और भविष्य की ग्रोथ संभावनाओं को दर्शाता है।

वर्तमान में कंपनी की रणनीति, विदेशी अधिग्रहण और टेक्नोलॉजी विस्तार के जरिए अपनी स्थिति को मजबूत करने की है। बाजार जानकारों की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि सिंगापुर डील का असर कंपनी के राजस्व और विस्तार योजनाओं पर कितना होता है।

सिंगापुर डील से क्या बदलेगा समीकरण

कंपनी की ओर से जो संकेत दिए गए हैं, उससे साफ है कि MIC Electronics अब सिर्फ घरेलू बाजार तक सीमित नहीं रहना चाहती। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ बनाना चाहती है। सिंगापुर की जिस कंपनी को खरीदने की बात हो रही है, वह तकनीकी रूप से कितना सक्षम है, यह तो MoU और आगे की बातचीत के बाद ही सामने आएगा, लेकिन बाजार में यह हलचल जरूर पैदा हो गई है कि यह डील MIC को नई दिशा में ले जा सकती है।

निवेशकों की नजरें बोर्ड मीटिंग पर

25 जुलाई को होने वाली MIC की बोर्ड मीटिंग अब बाजार की नजरों में खास हो गई है। इसी दिन यह तय होगा कि सिंगापुर डील पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। शेयर बाजार में स्टॉक की हलचल भी इस मीटिंग के फैसलों पर टिकी रहेगी।

अभी तक कंपनी की ओर से कोई औपचारिक वित्तीय आंकड़ा या अधिग्रहण की वैल्यू सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे अनुमान लगाना कठिन है कि ये डील किस स्तर की होगी। लेकिन कंपनी के इंटरनेशनल विस्तार की मंशा निवेशकों में उत्साह जरूर जगा रही है।

बाजार की हलचल के बीच MIC की अगली चाल पर सबकी नजर

रेलवे और टेलीकॉम सेक्टर में तकनीकी सप्लाई करने वाली MIC Electronics अब एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार वजह एक नई विदेशी डील है, जो कंपनी की दिशा बदल सकती है। निवेशक, विश्लेषक और बाजार सभी 25 जुलाई की बैठक पर निगाह टिकाए हुए हैं, जिसमें कंपनी के अंतरराष्ट्रीय विस्तार को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है।

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