जीएसबी सेवा मंडल ने गणेशोत्सव 2025 के लिए 474.46 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड बीमा करवाया है। इसमें सोना-चांदी, पर्सनल एक्सीडेंट, आग, भूकंप और पब्लिक लाइबिलिटी कवर शामिल हैं। पुजारी, वॉलंटियर्स और सुरक्षा कर्मी भी बीमा में शामिल हैं।
Mumbai: किंग्स सर्कल स्थित जीएसबी सेवा मंडल ने इस साल के गणेशोत्सव के लिए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मंडल ने कुल 474.46 करोड़ रुपये का बीमा कराया है, जो पिछले साल के 400 करोड़ रुपये के कवर से काफी अधिक है। इस विशाल बीमा राशि में सोने-चांदी के आभूषण, पर्सनल एक्सीडेंट, आग, भूकंप और सार्वजनिक जिम्मेदारी जैसी कई महत्वपूर्ण जोखिमों को शामिल किया गया है।
अगर चाहो तो मैं
375 करोड़ रुपये का दुर्घटना बीमा लागू
जीएसबी सेवा मंडल ने न्यू इंडिया एश्योरेंस से ऑल-रिस्क इंश्योरेंस पैकेज लिया है। इस पॉलिसी में मुख्य रूप से सोने-चांदी और कीमती रत्न, पर्सनल एक्सीडेंट, आग और भूकंप से नुकसान और सार्वजनिक जिम्मेदारी (पब्लिक लाइबिलिटी) शामिल है।
375 करोड़ रुपये का पर्सनल एक्सीडेंट कवर सबसे बड़ा हिस्सा है, जो मंडल के पुजारी, वॉलंटियर्स, रसोइये और सुरक्षा कर्मचारियों को सुरक्षा देता है। इसके अलावा, 30 करोड़ रुपये का पब्लिक लाइबिलिटी कवर पंडाल, स्टेडियम और श्रद्धालुओं पर लागू होगा। 43 लाख रुपये का फायर और स्पेशल रिस्क कवर भी आयोजन स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
सोने-चांदी महंगी होने पर बढ़ाई बीमा राशि
इस बार गहनों के लिए बीमा राशि 67 करोड़ रुपये रखी गई है, जबकि 2024 में यह 43 करोड़ और 2023 में 38 करोड़ रुपये थी। मंडल अध्यक्ष अमित पाई के अनुसार, सोने-चांदी की बढ़ती कीमत और अधिक वॉलंटियर्स और पुजारियों को कवर में शामिल करने के कारण यह राशि बढ़ी।
गौरतलब है कि 24 कैरेट सोना पिछले साल 77 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था, जबकि इस बार यह 1.02 लाख रुपये तक पहुंच गया है। इस साल गणपति बप्पा को 66 किलो सोने और 336 किलो चांदी के गहनों से सजाया जाएगा।
आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी
जीएसबी सेवा मंडल का गणेशोत्सव 27 से 31 अगस्त तक आयोजित होगा। इस बार दानदाताओं के लिए अलग प्रवेश व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव मिले। भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए पेशेवर एजेंसी की नियुक्ति की गई है।
इसके अलावा, आयोजन स्थल पर आग, भूकंप और अन्य आकस्मिक स्थितियों से सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयारी की गई है। सुरक्षा कर्मियों और वॉलंटियर्स के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है।