इक्विटी म्युचुअल फंड्स में निवेशक लगातार भरोसा दिखा रहे हैं। 5 साल में AUM 335% बढ़कर ₹33 लाख करोड़ हुआ। जुलाई 2025 में शुद्ध निवेश ₹42,673 करोड़ रहा। निवेशकों ने लंबी अवधि का नजरिया अपनाया।
Mutual Fund Update: भारत में म्युचुअल फंड्स में निवेश लगातार बढ़ रहा है। निवेशकों का भरोसा घरेलू अर्थव्यवस्था की प्रगति पर बनता जा रहा है। इसी भरोसे के चलते इक्विटी म्युचुअल फंड्स में लगातार पैसा इनफ्लो हो रहा है। ICRA एनालिटिक्स के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2020 में इक्विटी म्युचुअल फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹7.65 लाख करोड़ था। 5 साल बाद जुलाई 2025 में यह बढ़कर ₹33.32 लाख करोड़ पर पहुंच गया। यह 335.31% की जबरदस्त वृद्धि है।
इनफ्लो और निवेश का बढ़ता रुझान
म्युचुअल फंड्स में निवेश के मामले में भी बड़ी तेजी आई है। जुलाई 2020 में ₹3,845 करोड़ का आउटफ्लो देखा गया था। वहीं जुलाई 2025 में ₹42,673 करोड़ का शुद्ध निवेश (inflow) दर्ज किया गया। सालाना आधार (YoY) पर यह 15.08% बढ़ा। मासिक आधार (MoM) पर भी इनफ्लो में तेजी रही। जून 2025 में ₹23,568 करोड़ के मुकाबले जुलाई में यह 81.06% बढ़कर ₹42,673 करोड़ पर पहुंच गया।
घरेलू निवेशकों का भरोसा
ICRA एनालिटिक्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अश्विनी कुमार ने बताया कि निवेशक अब लंबी अवधि के नजरिए से म्युचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं। वे समझ रहे हैं कि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव वेल्थ क्रिएशन की प्रक्रिया का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, “वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद निवेशक भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर आशावादी बने हुए हैं। यही भरोसा इक्विटी म्युचुअल फंड्स में लगातार इनफ्लो के रूप में दिख रहा है।”
अलग-अलग जोखिम क्षमता के हिसाब से स्कीमें
ICRA के अनुसार म्युचुअल फंड्स निवेशकों को अलग-अलग जोखिम क्षमता के अनुसार स्कीमें प्रदान करते हैं। इनमें लार्ज-कैप, बैलेंस्ड फंड्स, सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स शामिल हैं। इससे निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन करने और जोखिम को संभालने का अवसर मिलता है।
लंबी अवधि का नजरिया और रिटर्न
अश्विनी कुमार ने बताया कि पुराने आंकड़े भी यही दर्शाते हैं कि बाजार समय के साथ संभलता है। धैर्य रखने वाले निवेशक लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। निवेशकों की यह सोच कि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए, म्युचुअल फंड्स में भरोसा बढ़ा रही है।
म्युचुअल फंड्स में निवेश के फायदे
म्युचुअल फंड्स निवेशकों को पेशेवर प्रबंधन, पारदर्शिता और नियमित रिटर्न का अवसर देते हैं। इक्विटी फंड्स में लंबी अवधि का निवेश करने वाले निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ उठाकर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। वहीं बैलेंस्ड फंड्स और लिक्विड फंड्स में सुरक्षित निवेश की संभावना रहती है।
निवेशकों के लिए सलाह
ICRA के विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार फंड चुनें और लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करें। इससे निवेशक अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होंगे और बेहतर वेल्थ क्रिएशन कर पाएंगे।