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नेपाल में Gen Z का विद्रोह: सोशल मीडिया प्रतिबंधों के खिलाफ युवाओं का उग्र प्रदर्शन

नेपाल में Gen Z का विद्रोह: सोशल मीडिया प्रतिबंधों के खिलाफ युवाओं का उग्र प्रदर्शन

नेपाल इन दिनों दशक के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 19 युवाओं की मौत हो चुकी है और 500 से अधिक युवा घायल हुए हैं।

Nepal Protest: नेपाल इन दिनों अपनी राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता के सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है। देशभर में युवा पीढ़ी, खासकर Gen Z, भ्रष्टाचार, असमानता और अवसरों की कमी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद प्रदर्शन और भी उग्र हो गया। पुलिस फायरिंग में अब तक 19 युवाओं की मौत हो चुकी है और 500 से अधिक घायल हैं।

इस हिंसक आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनकी पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया। फिलहाल देश की कमान सेना के हाथों में है, और सेना ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत का प्रस्ताव रखा है।

कब हुई आंदोलन की शुरुआत?

28 अगस्त 2025 को नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया ऐप्स को सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्टर कराने का आदेश दिया। 4 सितंबर को फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम समेत 23 ऐप्स पर पाबंदी लगाई गई। इसके बाद 5 सितंबर से Gen Z युवाओं ने भ्रष्टाचार, असमानता और अवसरों की कमी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। आठ सितंबर की रात को पुलिस ने प्रदर्शन को रोकने के लिए फायरिंग की, जिसमें 19 लोगों की मौत और 500 से अधिक घायल हुए।

हिंसक घटनाएँ और उग्र प्रदर्शन

  • पूर्व पीएम झलनाथ खनाल की पत्नी राज्यलक्ष्मी को जिंदा जलाया।
  • पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा के घर पर हमला किया और नकदी सड़क पर फेंक दी।
  • प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि नेताओं के देश छोड़ने की खबरें आ रही थीं।

सेना की भूमिका और प्रदर्शनकारियों का गुस्सा 

सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेव ने टीवी पर देशवासियों को संबोधित किया और प्रदर्शनकारियों से संवाद का आग्रह किया। संविधान के अनुसार, नेपाल में सेना की कमान राष्ट्रपति के हाथ में है। साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटा दिया, लेकिन जो जानें गईं, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता। आंदोलन केवल ऐप्स पर पाबंदी के खिलाफ नहीं था, बल्कि दशकों से चले आ रहे भ्रष्टाचार और अवसरों की कमी के खिलाफ था।  नेपाल में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की वजह से युवा नाराज हैं।

  • भूमि हड़पने और मानव तस्करी के मामले
  • संसद में आनुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से नियुक्तियाँ, जो संविधान के मूल भावना के खिलाफ मानी जा रही हैं
  • अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई
  • सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग और नेताओं का आम जनता से दूरी

युवा सिर्फ विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि व्यवस्था में बदलाव की मांग कर रहे हैं।

Gen Z ने क्या कर दिखाया?

नेपाल की Gen Z ने इतिहास में unprecedented काम किया। उन्होंने प्रधानमंत्री और उनकी पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। यह एक बड़ी जीत है, लेकिन तब तक यह अधूरी मानी जाएगी जब तक इसे संवैधानिक सुधार और भ्रष्टाचार मुक्त शासन में तब्दील नहीं किया जाता। नेपाल, भारत और चीन के बीच स्थित है। इसका मतलब है कि नेपाल की राजनीतिक घटनाओं पर दोनों बड़े पड़ोसी देशों की नजरें गड़ी हुई हैं।

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