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Nitin Gadkari: नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान बोले केंद्रीय मंत्री, युवाओं को दी ईमानदारी से मेहनत करने की सलाह

Nitin Gadkari: नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान बोले केंद्रीय मंत्री, युवाओं को दी ईमानदारी से मेहनत करने की सलाह

नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार निकम्मी होती है और फोकट में कुछ नहीं मिलना चाहिए। नागपुर में स्पोर्ट्स स्टेडियम के लिए प्राइवेट पार्टनरशिप की जरूरत पर बल दिया।

Maharashtra: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में 'स्पोर्ट्स एज ए करियर' कार्यक्रम में एक भावुक और बेबाक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति एक तरह का नशा होती है, जिसमें इंसान की सोचने और समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है। गडकरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सत्ता, संपत्ति और सौंदर्य कभी स्थायी नहीं होते, ये सब क्षणिक होते हैं।

गडकरी के अनुसार, जब किसी के अच्छे दिन होते हैं तो चारों ओर तारीफ होती है लेकिन बुरे समय में कोई पूछता तक नहीं। उन्होंने युवाओं को इस सच्चाई को समझने और अपने जीवन में ईमानदारी और मेहनत के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी।

सरकार की कार्यप्रणाली पर तीखा कटाक्ष

कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने सरकार की नीतियों और सिस्टम पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि चार सालों के अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि सरकार एक बहुत ही निकम्मी चीज है। उन्होंने निगमों (कॉर्पोरेशन्स) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि ये लोग "चलती गाड़ी को भी पंक्चर करने" का काम करते हैं।

गडकरी ने कहा कि नागपुर में उनकी 300 स्पोर्ट्स स्टेडियम बनाने की इच्छा है, लेकिन सरकारी सिस्टम के चलते यह सपना साकार नहीं हो पा रहा है। उन्होंने इस दौरान सरकारी टेंडर प्रक्रिया की जटिलताओं और धीमी रफ्तार पर भी सवाल उठाए।

स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए नया मॉडल

गडकरी ने दुबई में एक कारोबारी से हुई बातचीत का ज़िक्र करते हुए बताया कि उन्होंने वहां स्पोर्ट्स स्टेडियम का सफल मॉडल देखा। उन्होंने कहा कि भारत में भी ऐसा मॉडल अपनाने की जरूरत है। उनके अनुसार, सरकार टेंडर निकालकर 15 साल के लिए निजी संस्थाओं को ज़मीन दे सकती है। सरकार लाइटिंग, गैलरी और बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी लेकिन रखरखाव निजी संस्थाएं करेंगी।

इसके बदले खेल गतिविधियों में भाग लेने वाले बच्चों से मामूली फीस ली जाएगी जो 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक हो सकती है। गडकरी ने कहा कि यह जरूरी है कि हम फोकट में सिखाने की मानसिकता से बाहर निकलें।

'राजनीति फुकटों का बाजार है, मैं फोकट में कुछ नहीं देता'

नितिन गडकरी ने अपने भाषण में बेहद स्पष्ट लहजे में कहा कि राजनीति में सबकुछ मुफ्त में पाने की अपेक्षा होती है। उन्होंने कहा कि यह 'फुकटों का बाजार' है, लेकिन मैं फोकट में कुछ नहीं देता। उन्होंने यह बात युवाओं के करियर और मेहनत की महत्ता को रेखांकित करते हुए कही।

गडकरी ने युवाओं से कहा कि कोई भी करियर हो, उसमें मेहनत और ईमानदारी से आगे बढ़ना जरूरी है। मुफ्त की मानसिकता लंबे समय तक सफलता नहीं दे सकती।

खुद को बताया 'फाइनेंशियल एक्सपर्ट'

कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने खुद को 'फाइनेंशियल एक्सपर्ट' बताते हुए कहा कि वे पांच लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट बिना पैसे दिए शुरू करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पता होता है कि किन योजनाओं को कैसे लागू किया जाए और किस तरह से संसाधनों का प्रबंधन किया जाए। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे वित्तीय सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट नहीं हैं।

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