Pune

नॉर्थ ईस्ट की राजनीति में बड़ा बदलाव: चार क्षेत्रीय दलों का विलय, बनेगी एकल राजनीतिक इकाई

नॉर्थ ईस्ट की राजनीति में बड़ा बदलाव: चार क्षेत्रीय दलों का विलय, बनेगी एकल राजनीतिक इकाई

पूर्वोत्तर भारत की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ आया है। मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के अध्यक्ष कॉनराड संगमा के नेतृत्व में नॉर्थ ईस्ट की चार प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों ने मंगलवार को एक संयुक्त राजनीतिक इकाई (Unified Political Entity) के गठन की घोषणा की। 

नई दिल्ली: मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के अध्यक्ष कॉनराड संगमा ने मंगलवार को एक अहम राजनीतिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर भारत (नॉर्थ ईस्ट) के चार प्रमुख दलों के नेता मिलकर एक एकल राजनीतिक इकाई (united political entity) का गठन करेंगे, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के साझा मुद्दों और हितों को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से उठाना होगा।

इस घोषणा पर टिपरा मोथा के नेता प्रद्योत माणिक्य, पीपुल्स पार्टी ऑफ असम के डैनियल लंगथासा, और भाजपा के प्रवक्ता म्होनलुमो किकोन ने भी संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए।

कौन-कौन सी पार्टियां हुईं एकजुट

इस नए राजनीतिक मोर्चे में शामिल चार प्रमुख नेता और दल हैं:

  • कॉनराड संगमा — मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के प्रमुख
  • प्रद्योत माणिक्य देबरमा — त्रिपुरा की टिपरा मोथा पार्टी के अध्यक्ष
  • डैनियल लंगथासा — असम की पीपुल्स पार्टी ऑफ असम (PPA) के नेता
  • म्होनलुमो किकोन — नगालैंड से भाजपा के प्रवक्ता और नॉर्थ ईस्ट के प्रभावशाली राजनीतिक चेहरे

इन चारों नेताओं ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करते हुए घोषणा की कि वे एक नई एकल राजनीतिक इकाई (Unified North East Political Entity) का गठन करेंगे, जो क्षेत्र के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करेगी।

जिन दलों ने दूरी बनाई

हालांकि इस पहल में नॉर्थ ईस्ट के कुछ प्रभावशाली दलों ने हिस्सा नहीं लिया है।

  • मिजोरम की सत्तारूढ़ जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM)
  • नगालैंड की नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP)
  • असम गण परिषद (AGP) — जो भाजपा की सहयोगी है

इन पार्टियों ने इस गठजोड़ से दूरी बनाए रखी है, हालांकि सूत्रों के अनुसार, भविष्य में संवाद के द्वार खुले रहेंगे।

एकीकृत राजनीतिक मंच का उद्देश्य

संयुक्त बयान में कहा गया है, हम पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न राज्यों के नेता आज इस ऐतिहासिक पल में एकजुट हुए हैं ताकि एक ऐसी राजनीतिक इकाई का निर्माण किया जा सके जो हमारे लोगों की वास्तविक आकांक्षाओं और अधिकारों का प्रतिनिधित्व करे। नेताओं ने बताया कि एक संयुक्त समिति का गठन किया गया है जो इस नई राजनीतिक इकाई की संरचना, नीति, और भविष्य की कार्ययोजना तैयार करेगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए NPP प्रमुख कॉनराड संगमा ने कहा, बहुत लंबे समय से हम पूर्वोत्तर के मुद्दों को अलग-अलग प्लेटफॉर्म से उठाते आए हैं। लेकिन अब समय आ गया है कि हम एकजुट होकर एक आवाज में बात करें। हमारी ताकत एकता में है, और यह एकता ही नॉर्थ ईस्ट के भविष्य को मजबूत करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल से नॉर्थ ईस्ट की राजनीति को नई दिशा मिलेगी, जहां क्षेत्रीय हित केवल राज्य स्तर पर नहीं बल्कि राष्ट्रीय नीति निर्माण का हिस्सा बनेंगे।

टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत माणिक्य का बयान

प्रद्योत माणिक्य देबरमा, जो त्रिपुरा में स्वदेशी जनजातीय समुदायों की आवाज माने जाते हैं, ने कहा, यह सिर्फ एक राजनीतिक गठबंधन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — हमारी संस्कृति, पहचान और अधिकारों के लिए। जब तक नॉर्थ ईस्ट एकजुट नहीं होगा, तब तक हमारे लोगों की बात दिल्ली तक सही तरीके से नहीं पहुंचेगी।

पीपुल्स पार्टी ऑफ असम के नेता डैनियल लंगथासा ने कहा कि असम के पास पूर्वोत्तर का आर्थिक केंद्र बनने की क्षमता है, लेकिन क्षेत्रीय असमानता और प्रतिनिधित्व की कमी इसकी राह में बाधा रही है। उन्होंने कहा, यह मंच पूर्वोत्तर की आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। वहीं, भाजपा प्रवक्ता और नगालैंड के युवा नेता म्होनलुमो किकोन ने कहा कि राजनीति से परे, इस मंच का मकसद है, नॉर्थ ईस्ट की साझा आवाज को भारत की नीतिगत प्राथमिकताओं में लाना। चाहे वह इंफ्रास्ट्रक्चर हो, शिक्षा हो या सीमा सुरक्षा, हर मुद्दे पर हम साथ खड़े होंगे।

 

Leave a comment