पीओके में छात्रों ने बढ़ी फीस, रिजल्ट विवाद और सुविधाओं की कमी के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन शुरू किया। मुजफ्फराबाद विश्वविद्यालय से शुरू हुआ आंदोलन गोली चलने की घटना के बाद हिंसक हो गया। छात्रों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
POK: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हाल के दिनों में युवाओं का गुस्सा सड़कों पर दिखाई दे रहा है। खासकर Gen Z यानी नई पीढ़ी के छात्र और युवा अब खुलकर पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और सेना की नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। विरोध की शुरुआत मुजफ्फराबाद के विश्वविद्यालय से हुई थी, लेकिन अब यह आंदोलन पूरे क्षेत्र में फैलता दिख रहा है। युवाओं का आरोप है कि सरकार ने शिक्षा, विकास और रोजमर्रा की जरूरतों की अनदेखी की है और जनता पर आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है।
पीओके में छात्र आंदोलन तेज
यह विरोध पहले शांतिपूर्ण प्रदर्शन के रूप में शुरू हुआ था। छात्र विश्वविद्यालय में बढ़ाई गई फीस, छात्रावास और बुनियादी सुविधाओं की कमी के खिलाफ खड़े हुए। छात्रों का कहना है कि वे पहले से आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और सरकार शैक्षणिक संस्थानों को सुधारने के बजाय उन्हें बोझ बना रही है। छात्रों ने कहा कि सरकार पीओके के युवाओं को नजरअंदाज कर रही है, जबकि नेताओं के ऊपर करोड़ों खर्च किए जाते हैं।
फीस और सुविधाओं को लेकर असंतोष

मुजफ्फराबाद विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कई छात्रों ने बताया कि पिछले साल की तुलना में फीस में बड़ा इजाफा किया गया है। साथ ही, लैब्स, इंटरनेट, हॉस्टल, ट्रांसपोर्ट और लाइब्रेरी जैसी बुनियादी सुविधाएं बेहद खराब स्थिति में हैं। छात्रों के अनुसार, पढ़ाई के वातावरण में सुधार की बजाय प्रशासन कम पैसे वाली सुविधाओं को भी काट रहा है, जिससे छात्र नाराज हैं।
गोली चलने के बाद विरोध में उबाल
शुरू में प्रदर्शन शांत था, लेकिन जैसे ही अज्ञात लोगों द्वारा फायरिंग हुई, माहौल बिगड़ गया। बताया जा रहा है कि गोली लगने से एक छात्र घायल हुआ। इसके बाद छात्रों में गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने टायर जलाए, इमारतों को नुकसान पहुंचाया और जगह-जगह आगजनी की। यह विरोध अब सिर्फ विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन के रूप में फैल गया।
सोशल मीडिया पर विरोध की आग
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स X (Twitter), TikTok और Facebook पर इस आंदोलन के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। वीडियो से साफ है कि युवा केवल फीस के खिलाफ नहीं, बल्कि पाकिस्तान सरकार और सेना के दखल के खिलाफ भी खड़े हो गए हैं। कई पोस्ट्स में ये दावा भी किया जा रहा है कि यह आंदोलन अब सिर्फ शिक्षा मुहिम नहीं, बल्कि आज़ादी की मांग जैसा स्वर ले रहा है।













