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पेरिस लूव्र में दिन-दहाड़े चोरी, 800 करोड़ के शाही आभूषण गायब

पेरिस लूव्र में दिन-दहाड़े चोरी, 800 करोड़ के शाही आभूषण गायब

पेरिस के लूव्र संग्रहालय में चार मिनट में 800 करोड़ रुपये के आठ शाही आभूषण चोरी हो गए। चोरी फिल्मी अंदाज में हुई। सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं और जांच जारी है।

World News: पेरिस के विश्व प्रसिद्ध लूव्र संग्रहालय में दिन-दहाड़े हुई चोरी ने फ्रांस को हिला दिया है। चोरों ने महज चार मिनट में 102 मिलियन डॉलर यानी करीब 800 करोड़ रुपये के शाही आभूषण चुरा लिए। ये आभूषण फ्रांस के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं। चोरी के इस सनसनीखेज मामले ने लूव्र संग्रहालय की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि पहले भी संग्रहालय में चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं।

चोरी की शैली फिल्मी अंदाज में

यह चोरी रविवार सुबह 9:34 बजे हुई। दो लोग पीले जैकेट पहनकर लूव्र की अपोलो गैलरी में घुसे और चार मिनट में कीमती आभूषण चुराकर मोटरबाइक पर फरार हो गए। पेरिस अभियोजक लॉर बेक्यू ने बताया कि चार चोरों ने दो-दो के गुट में काम किया। दो लोग चेरी पिकर ट्रक से गैलरी तक पहुंचे और दो अन्य मोटरबाइक से भागे। चोरी की यह शैली फ्रांस की टीवी सीरीज "ल्यूपिन" जैसी थी, जिसमें चोरों का आकर्षक और तेज़ अंदाज दिखाया गया है।

चुराए गए आभूषणों की खासियत

चोरी में कुल आठ बेशकीमती शाही आभूषण गायब हुए। इनमें पन्ना और हीरे की माला, दो ताज, दो ब्रोच, एक नीलम की माला और एक झुमका शामिल हैं। ये आभूषण 19वीं सदी के शाही परिवार की शान थे। 1887 में जब सरकार ने शाही रत्नों की नीलामी की, तब इन्हें विशेष तौर पर सुरक्षित रखा गया था क्योंकि ये फ्रांस की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं।

चुराए गए आभूषणों में नेपोलियन तृतीय द्वारा एम्प्रेस यूजनी को दी गई 2,000 हीरों और 200 मोतियों वाली ताज, नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा मैरी-लुईस को दी गई पन्ना और 1,000 हीरों की माला और रानी मैरी-अमेली का नीलम-हीरे का हेडपीस शामिल हैं। चोरी के दौरान एक ताज को नुकसान हुआ जिसमें 1,354 हीरे और 56 पन्ना थे।

विशेषज्ञों के अनुसार, चोरी किए गए आभूषण न केवल आर्थिक दृष्टि से अमूल्य हैं बल्कि फ्रांस की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा भी हैं। नीलम, पन्ना और हीरे से जड़े ये रत्न टुकड़ों में बेचे जा सकते हैं। डायमंड्स के विशेषज्ञ टोबियास कोर्मिंड का कहना है कि आभूषण टुकड़ों में बंट जाने के कारण इतिहास से हमेशा के लिए गायब हो सकते हैं। डच कला विशेषज्ञ आर्थर ब्रांड ने कहा कि ये आभूषण इतने प्रसिद्ध हैं कि इन्हें बेचना आसान नहीं होगा, क्योंकि कोई भी खरीदार जोखिम नहीं लेगा।

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