मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने छठ महापर्व के अवसर पर सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। दिल्ली में 17 मॉडल घाट बनाए जाएंगे, श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा, प्रकाश और सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था की जाएगी।
New Delhi: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने छठ महापर्व के मद्देनजर उपराज्यपाल वी के सक्सेना के साथ बैठक कर राजधानी में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और स्वच्छ (clean) वातावरण सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है। बैठक में दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा, दिल्ली और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर श्रद्धालु को भव्य और व्यवस्थित छठ पर्व का अनुभव दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बैठक में तैयारी की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि छठ की तैयारियों के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालयों से भी समन्वय किया गया है। इस पर्व को दिल्ली में बड़े पैमाने पर मनाने के लिए सरकार घाटों की व्यवस्था कर रही है और छठ की छुट्टियों पर भी जल्द निर्णय लिया जाएगा। रेखा गुप्ता ने बैठक की तस्वीर साझा करते हुए बताया कि यह तैयारियां पूरी टीम और उपराज्यपाल की देखरेख में चल रही हैं।
दिल्ली में घाटों का विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में 1,000 से अधिक घाट विकसित किए जाएंगे। यमुना के किनारे उत्तर के पल्ला से लेकर दक्षिण के कालिंदी कुंज तक 17 मॉडल घाट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक मॉडल घाट में टेंट, शौचालय (toilet), पेयजल और प्रकाश व्यवस्था (lighting) की व्यवस्था होगी। प्रत्येक जिले में कम से कम एक मॉडल घाट होगा। इन घाटों पर 200 स्थानों पर भोजपुरी और मैथिली में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सुरक्षा और स्वच्छता पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार छठ महापर्व के दौरान सुरक्षा (security) और स्वच्छता (cleanliness) पर विशेष ध्यान दे रही है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आईटीओ छठ घाट का दौरा कर सफाई अभियान का जायजा लिया और इसमें हिस्सा लिया। सांसद मनोज तिवारी और मंत्री रविंदर इंद्राज ने भी घाटों पर सफाई अभियान का निरीक्षण किया।
अन्य सुविधाओं की व्यवस्था
अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश घाटों पर चिकित्सा वैन (medical van), सफाई कर्मचारी और मोबाइल शौचालयों की व्यवस्था अंतिम रूप में है। श्रद्धालुओं के सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए, 27 और 28 अक्टूबर को डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने आने वाले लोगों के स्वागत के लिए फूलों की सजावट और भव्य प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2021 में छठ महापर्व के दौरान कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर दर्ज मामलों को वापस लिया जाएगा। इस कदम से श्रद्धालुओं को सहयोग और विश्वास मिलेगा और उन्हें बिना किसी बाधा के पर्व मनाने का अवसर मिलेगा।
पूर्वांचलियों के लिए विशेष ध्यान
दिल्ली में पूर्वांचलियों की बड़ी आबादी है। अनुमानित तौर पर ये लोग राजधानी की कुल आबादी के छठे हिस्से से अधिक हैं। छठ महापर्व पूर्वांचल के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उनके धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए पूरी तैयारी कर रही है।