एआई स्टार्टअप पेरप्लेक्सिटी ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउज़र गूगल क्रोम को खरीदने के लिए 34.5 अरब डॉलर की साहसिक बोली लगाई है। कंपनी का कहना है कि क्रोम का मुख्य इंजन ओपन-सोर्स रहेगा और 3 अरब डॉलर का निवेश जारी रहेगा।
पेरप्लेक्सिटी: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्टार्टअप ने तकनीकी दुनिया में बड़ी हलचल मचा दी है। कंपनी ने गूगल के सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउज़र, क्रोम, को पूरी तरह से खरीदने के लिए $34.5 बिलियन (करीब 3.02 लाख करोड़ रुपये) की प्रस्तावित बोली पेश की है। यह पेशकश पेरप्लेक्सिटी के हालिया $18 बिलियन (करीब 1.57 लाख करोड़ रुपये) के मूल्यांकन से भी अधिक है।
पेरप्लेक्सिटी का प्रस्ताव और निवेशकों का समर्थन
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, पेरप्लेक्सिटी इस बोली को बाहरी निवेशकों की मदद से वित्तपोषित करना चाहती है। कंपनी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी दिमित्री शेवेलेंको ने कहा कि कई बड़े निवेश फंड इस लेन-देन को पूरी तरह से समर्थन देने के लिए तैयार हैं। यह प्रस्ताव न केवल वित्तीय दृष्टि से महत्वाकांक्षी है, बल्कि इसके तहत क्रोमियम, क्रोम के मुख्य ओपन-सोर्स इंजन, को ओपन सोर्स बनाए रखने और उसमें अगले दो वर्षों में करीब $3 बिलियन (लगभग 0.26 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करने का वादा भी शामिल है।
पेरप्लेक्सिटी ने यह भी आश्वासन दिया है कि अगर बोली सफल होती है, तब भी उपयोगकर्ता डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन गूगल ही रहेगा। इस प्रस्ताव से यह संकेत मिलता है कि कंपनी उपयोगकर्ता अनुभव में बड़े बदलाव की बजाय ब्राउज़र के इंजन और तकनीकी क्षमता को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
गूगल पर एंटीट्रस्ट दबाव
गूगल इस समय एंटीट्रस्ट जांचों के घेरे में है। अमेरिकी न्याय विभाग ने तर्क दिया है कि गूगल ने अपने सर्च इंजन को प्रतिस्पर्धियों से आगे रखने के लिए एप्पल जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा-विरोधी सौदे किए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, गूगल एप्पल को करीब $15 बिलियन (करीब 1.31 लाख करोड़ रुपये) का भुगतान करता है ताकि गूगल एप्पल उपकरणों पर डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन बना रहे।
इस परिप्रेक्ष्य में पेरप्लेक्सिटी की बोली गूगल की प्रतिस्पर्धा-विरोधी स्थिति को चुनौती देने और बाजार में एआई-संचालित ब्राउज़र विकल्प को मजबूत करने का प्रयास प्रतीत होती है। अमेरिकी सरकार ने कथित तौर पर सुझाव दिया है कि गूगल को अपने क्रोम ब्राउज़र को बेचना चाहिए और प्रतिस्पर्धियों को खोज डेटा तक पहुँच प्रदान करनी चाहिए।
Comet: पेरप्लेक्सिटी का एआई ब्राउज़र
पेरप्लेक्सिटी पहले से ही Comet नामक एआई-संचालित ब्राउज़र के माध्यम से इस क्षेत्र में सक्रिय है। Comet यूज़र की ओर से काम करने वाले AI एजेंटों का समर्थन करता है। कंपनी का दावा है कि यह ब्राउज़र एक ही प्रॉम्प्ट पर एक हफ्ते का कार्य करके रिक्रूटर्स और अन्य व्यावसायिक कार्यों को स्वचालित कर सकता है।
कंपनी का लक्ष्य है कि 2026 तक Comet के जरिए 'करोड़ों से करोड़ों' उपयोगकर्ताओं तक पहुँच बनाई जाए। इसके लिए पेरप्लेक्सिटी स्मार्टफोन निर्माताओं (OEMs) के साथ बातचीत कर रही है ताकि Comet को उनके उपकरणों में प्री-लोड किया जा सके।
तकनीकी और व्यावसायिक बदलाव
यदि पेरप्लेक्सिटी की बोली सफल होती है, तो यह वेब ब्राउज़र उद्योग में एक बड़ा परिवर्तन होगा। यह न केवल गूगल की सर्च एकाधिकार स्थिति को चुनौती देगा, बल्कि एआई-संचालित ब्राउज़र के महत्व को भी बढ़ावा देगा। बाजार में नए निवेश और तकनीकी नवाचार के अवसर खुलेंगे, जिससे उपयोगकर्ताओं को अधिक विकल्प और उन्नत सुविधाएँ मिलेंगी।
पेरप्लेक्सिटी की योजना यह सुनिश्चित करना है कि उपयोगकर्ता अनुभव में कोई बड़ा व्यवधान न आए, लेकिन तकनीकी रूप से ब्राउज़र और AI क्षमता को नए स्तर पर ले जाया जाएगा। यह कदम एआई-संचालित ब्राउज़र के भविष्य और गूगल की प्रतिस्पर्धा नीति पर नए सवाल खड़े करता है।