पंजाबी सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपनी फिल्म ‘सरदार जी 3’ को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। फिल्म में पाकिस्तानी एक्ट्रेस हनिया आमिर के साथ काम करने को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें लगातार ट्रोल किया जा रहा है। इस पूरे मामले पर अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान खुलकर दिलजीत के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने ट्रोल करने वालों पर तीखा हमला करते हुए उन्हें 'स्वयंभू राष्ट्रवादी' करार दिया और कहा कि ऐसे लोग पंजाब और पंजाबियों की तरक्की से जलते हैं।
क्यों विवादों में घिरे दिलजीत दोसांझ
दरअसल, दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘सरदार जी 3’ में पाकिस्तानी एक्ट्रेस हनिया आमिर को लीड रोल में लिया गया है। फिल्म का ट्रेलर 22 जून को रिलीज हुआ था, उसी दिन जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। ट्रेलर की टाइमिंग को लेकर सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई गई और दिलजीत को पाकिस्तान समर्थक बताकर ट्रोल किया गया।
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने पर अनौपचारिक प्रतिबंध लागू है।
हालांकि दिलजीत दोसांझ ने स्पष्ट किया कि फिल्म की शूटिंग कई महीनों पहले पूरी हो चुकी थी और ट्रेलर की रिलीज़ महज एक संयोग थी। इसके बावजूद उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
भगवंत मान ने दिलजीत का लिया पक्ष
मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, दिलजीत को सिर्फ इसलिए गद्दार कहा जा रहा है क्योंकि उन्होंने एक पाकिस्तानी कलाकार के साथ काम किया है। अगर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम भारत खेलने आएगी तो क्या सबकुछ सामान्य माना जाएगा?
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की अभिनेत्री हनिया आमिर को फिल्म में इसलिए लिया गया क्योंकि हमारी और उनकी संस्कृति, भाषा और भावनाएं काफी हद तक समान हैं। वे भी पंजाबी बोलते हैं और हम भी, उन्होंने कहा। भगवंत मान ने इस मुद्दे को बेवजह तूल दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की और इसे देश की एकता व सांस्कृतिक साझेदारी के खिलाफ बताया।
पंजाबियों से है जलन
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्रोल करने वालों पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि कुछ स्वयंभू राष्ट्रवादी लगातार पंजाबियों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग पंजाब की पहचान, संस्कृति और कलाकारों की बढ़ती लोकप्रियता से भीतर ही भीतर ईर्ष्या करते हैं।
उन्होंने कहा, ये मानसिकता सिर्फ दिलजीत दोसांझ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पंजाब की आवाज़ को दबाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।