प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौशल दीक्षात समारोह में बिहार के युवाओं के लिए 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में देशभर से 200 आईटीआई (Industrial Training Institute) के छात्र जुड़े, जिनमें बिहार के 50 आईटीआई छात्रों ने भी भाग लिया।
पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आयोजित कौशल दीक्षात समारोह में युवाओं के लिए 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की शुरुआत की। इस कार्यक्रम से देशभर की 200 आईटीआई के छात्र जुड़े, जिनमें बिहार की 50 आईटीआई के छात्र भी शामिल थे। पीएम मोदी ने कहा कि यह समारोह इस बात का प्रतीक है कि आज का भारत कौशल को कितनी प्राथमिकता देता है। इस अवसर पर देशभर के नौजवानों के लिए शिक्षा और कौशल विकास की दो बड़ी योजनाएं लॉन्च की गईं, जो युवाओं के करियर और रोजगार के अवसरों को मजबूत करने में मदद करेंगी।
कौशल और शिक्षा पर विशेष जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में आज युवाओं को शिक्षा और कौशल विकास के दो बड़े अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने पीएम सेतु योजना के तहत देशभर के आईटीआई को अपडेट करने और प्रशिक्षण सुविधाओं को आधुनिक बनाने की बात कही। इस योजना के तहत 1,200 नई स्किल लैब का उद्घाटन भी किया गया है।
बिहार के लिए भी कई नई पहल की गई हैं, जिनमें नई स्किल ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी, विश्वविद्यालयों की सुविधाओं का विस्तार, युवाओं के लिए बिहार आयोग, और हजारों युवाओं को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सभी योजनाएं बिहार के युवाओं की सशक्त और सतत वृद्धि की गारंटी हैं।
महिलाओं और युवाओं को मिली प्राथमिकता
प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि NDA सरकार महिलाओं और युवाओं को समान महत्व देती है और उन्हें लोकल स्किल और टैलेंट को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि आईटीआई मुख्य भूमिका निभा रही हैं।
सरकार ने देश में अब तक 5,000 नई आईटीआई स्थापित की हैं और उनकी सुविधाओं को अपडेट किया जा रहा है। पीएम सेतु योजना से देशभर के 1,000 से अधिक आईटीआई को फायदा होगा। इसमें ट्रेनिंग एक्सपर्ट, नई मशीनें और अपडेटेड करिकुलम शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की पिछली शिक्षा व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि दो दशक पहले बिहार में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त थी। स्कूल और कॉलेज समय पर नहीं खुलते थे और भर्ती प्रक्रिया भी पूरी तरह प्रभावित थी। उन्होंने कहा कि लाखों बच्चे मजबूरी में बिहार छोड़कर दिल्ली, मुंबई और बनारस जैसे शहरों में पढ़ाई करने गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आरजेडी के कुशासन ने बिहार की हालत उस पेड़ की तरह कर दी थी जिसमें कीड़ा लग गया हो। NDA सरकार ने इसे पटरी पर लाने का कार्य किया। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग जननायक कर्पूरी ठाकुर के पद को भी गलत तरीके से पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि जननायक को बिहार की जनता ने बनाया था।
बिहार में नई शिक्षा और रोजगार की पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि IIT पटना का विस्तार हुआ है और NIT बिहटा को छात्रों के लिए खोल दिया गया है। इसके साथ ही नीतीश सरकार ने छात्रों के खर्च को कम किया है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले लोन को फ्री कर दिया गया और छात्रवृत्ति राशि को 1,800 रुपये से बढ़ाकर 3,600 रुपये किया गया है।उन्होंने कहा कि बिहार के हर गांव में अब स्कूल खुल चुके हैं और राज्य सरकार युवाओं के सामर्थ्य बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है।
नीतीश सरकार ने अब तक 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया और 10 लाख युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराई है। आने वाले समय में सरकार रोजगार के लक्ष्यों को दोगुना करने की योजना बना रही है।