राजस्थान के मदरसों में भी अब प्रतिदिन वंदे मातरम की गूंज सुनाई देने वाली है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि यह राष्ट्रीय गीत सभी सरकारी संस्थानों में अनिवार्य रूप से गाया जाएगा।
जयपुर: राजस्थान सरकार ने देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, महाविद्यालयों और मदरसों में प्रतिदिन ‘वंदे मातरम’ का गायन अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि यह नियम सभी सरकारी संस्थानों पर लागू होगा।
मदन दिलावर ने कहा, वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं बल्कि भारत की आत्मा है। यह गीत हर भारतीय के हृदय में देशभक्ति की भावना को जगाता है। अब राजस्थान के सभी स्कूल, कॉलेज, मदरसे और सरकारी कार्यालयों में प्रत्येक सुबह राष्ट्रीय गीत के गायन के बाद ही कामकाज शुरू होगा।
150 वर्ष पूरे होने पर विशेष पहल
वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में राजस्थान सरकार ने पूरे साल इसे लेकर देशभक्ति वर्ष मनाने की योजना बनाई है। राज्य सरकार की इस पहल के तहत सभी सरकारी संस्थानों में हर दिन वंदे मातरम का गायन अनिवार्य होगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह कदम सिर्फ गीत गाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे छात्रों और कर्मचारियों में देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के रूप में देखा जाएगा।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, हमारा उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रीय चेतना पैदा करना और उन्हें अपने देश के प्रति गर्व और सम्मान की भावना से जोड़ना है। वंदे मातरम का प्रतिदिन गायन इसे साकार करने का एक प्रभावी माध्यम होगा।
सरकारी स्कूलों का विलय और सुधार योजना
राजस्थान सरकार लगातार कम नामांकन वाले स्कूलों का विलय कर रही है। इस वर्ष तक 449 स्कूलों का विलय किया जा चुका है और अगले साल 312 और स्कूलों का विलय किया जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या न्यूनतम स्तर से भी कम है, उन्हें नजदीकी उच्च स्तरीय स्कूलों में मर्ज किया जाएगा।
वर्तमान में प्रदेश में 155 उच्च माध्यमिक स्कूल ऐसे हैं जहां 25 से कम छात्र नामांकित हैं। इसके अलावा 157 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां 5 से भी कम छात्रों का नामांकन है। ऐसे स्कूलों का अगले साल विलय कर दिया जाएगा ताकि संसाधनों का अधिक प्रभावी उपयोग किया जा सके और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
शिक्षा मंत्री ने कहा, स्कूलों का विलय केवल प्रशासनिक कदम नहीं है। यह छात्रों को बेहतर शिक्षण संसाधन, अधिक शिक्षकों और आधुनिक सुविधाओं से जोड़ने का प्रयास है। साथ ही, इससे शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और दक्षता बढ़ेगी।













