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राजस्थान में धर्मांतरण कानून लागू, दोषियों को उम्रकैद और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना

राजस्थान में धर्मांतरण कानून लागू, दोषियों को उम्रकैद और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना

राजस्थान में धर्मांतरण रोकने वाला नया कानून लागू हो गया है। राज्यपाल ने विधेयक 2025 को मंजूरी दी। दोषियों को 14 साल तक की जेल, दोबारा अपराध करने पर उम्रकैद और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

जयपुर: राजस्थान में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 को राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने मंजूरी दे दी है। अब यह विधेयक कानून का रूप ले चुका है और लागू हो गया है। यह कानून खासतौर पर जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए बनाया गया है।

विधि विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब इस कानून के तहत दोषियों को न्यूनतम 5 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह कानून उन मामलों को गंभीर अपराध मानता है जिनमें प्रलोभन, डराने-धमकाने या धोखे से धर्म परिवर्तन कराया गया हो।

दोषियों के लिए सख्त सजा और जुर्माना

नए कानून में कई सख्त प्रावधान किए गए हैं। कोर्ट में दोष साबित होने पर आरोपी को 5 से 14 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

  • यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार अपराध करता है, तो उम्रकैद और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
  • नाबालिग, महिला, एससी, एसटी और विशेष योग्यजन को कपटपूर्ण तरीके से धर्म परिवर्तन कराने पर 10 से 20 साल तक की जेल और 10 लाख का जुर्माना होगा।
  • सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने वाले दोषियों को 20 वर्ष से आजीवन कारावास और 25 लाख रुपए तक का जुर्माना भुगतना होगा।
  • विदेश या अवैध संस्थाओं से धन लेकर धर्मांतरण करने पर 10 से 20 साल तक का कठोर कारावास और 20 लाख रुपए तक जुर्माना होगा।

सभी धर्मांतरण से जुड़े अपराध गैर-जमानती होंगे और ऐसे मामलों की सुनवाई सीधे सेशन कोर्ट में होगी।

घर वापसी को धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा

नए कानून में यह महत्वपूर्ण प्रावधान भी किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने धर्म परिवर्तन के बाद वापस मूल धर्म में लौटता है, तो इसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा। इसका मतलब है कि व्यक्ति का मूल धर्म में लौटना अपराध नहीं होगा और उस पर कोई प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

इस प्रावधान का उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता और मूल धर्म में लौटने का अधिकार सुरक्षित रखना है। यह साफ करता है कि कानून का लक्ष्य केवल जबरन धर्म परिवर्तन रोकना है, न कि किसी व्यक्ति के धर्म के चुनाव पर रोक लगाना।

राजस्थान में धर्मांतरण कानून और कार्रवाई

राजस्थान सरकार ने यह कानून इसलिए लागू किया है क्योंकि राज्य में समय-समय पर धर्मांतरण के विवादित मामले सामने आते रहे हैं। भाजपा सरकार ने इसे पारित कर राज्यपाल के पास भेजा और अब यह कानून का रूप ले चुका है।

कानून के लागू होने के बाद, दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत पुलिस और न्यायपालिका मिलकर ऐसे मामलों की तत्काल जांच और न्याय सुनिश्चित करेंगे।

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