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राजस्थान में महिला वेश में छिपा इनामी बदमाश गिरफ्तार, पुलिस की सतर्कता से नाकाम हुई चाल

राजस्थान में महिला वेश में छिपा इनामी बदमाश गिरफ्तार, पुलिस की सतर्कता से नाकाम हुई चाल

झुंझुनूं पुलिस ने 5,000 रुपये के इनामी शातिर बदमाश रोहित उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया। आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए महिला के कपड़े और हल्का मेकअप कर रहा था। पुलिस ने तकनीकी निगरानी और घेराबंदी के जरिए उसे पकड़कर पूरे इलाके में जुलूस निकाला।

झुंझुनूं: सूरजगढ़ थाना क्षेत्र के तोला सेही गांव का रहने वाला 19 वर्षीय रोहित, जिसे 5,000 रुपये का इनाम घोषित था, सरपंच संदीप और उनके साथी देवी सिंह पर दिनदहाड़े हमले के मामले में फरार चल रहा था। पुलिस ने तकनीकी निगरानी और मुखबिर की मदद से उसे नदी के किनारे महिला वेशभूषा में दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी का उसी बाजार में जुलूस निकाला गया, जहाँ उसने हमला किया था।

महिला वेश में छिपकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश

एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए महिला वेशभूषा में घूम रहा था। जब पुलिस ने इलाके में घेराबंदी की तो नदी किनारे एक लड़की बैठी दिखाई दी। पुलिस ने पास जाकर जब चुन्नी हटाई, तो असल में यह वही फरार बदमाश निकला। पुलिस के अनुसार, रोहित मोनू शीर्ष दस अपराधियों की सूची में शामिल था और उस पर पहले से 12 मामले दर्ज थे।

पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आरोपी का उसी बाजार में जुलूस निकाला, जहां उसने वारदात की थी। सलवार-कुर्ता और चुन्नी ओढ़े आरोपी को देखकर स्थानीय लोग चकित रह गए। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने महिला वेशभूषा केवल पहचान छुपाने के लिए अपनाई थी।

वारदात का पूरा सच

15 जुलाई 2025 को सूरजगढ़ के रघुनाथपुरा टोल के पास सरपंच संदीप कुमार और उनके साथी पर जानलेवा हमला हुआ था। आरोपियों ने पिकअप, केम्पर और बोलेरो गाड़ियों से बार-बार टक्कर मारकर सरपंच की कार को क्षतिग्रस्त किया और लाठी-सरियों से हमला किया। पुलिस का मानना है कि यह हमला पुराने विवाद में समझौता करने के दबाव के तहत किया गया था।

इस हमले में शामिल आठ अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे, लेकिन रोहित उर्फ मोनू फरार था। उसके महिला वेशभूषा में छिपने की योजना ने कई दिनों तक पुलिस को चुनौती दी।

तकनीकी और स्थानीय मदद से गिरफ्तारी

एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि थानाधिकारी धर्मेंद्र कुमार मीणा और एजीटीएफ चिड़ावा की टीम ने लगातार दबाव बनाकर और तकनीकी निगरानी के जरिए आरोपी का पता लगाया। मुखबिरों की सूचना और इलाके में सतत़ निगरानी से रोहित को तोला सेही के जोहड़ इलाके से दबोच लिया गया।

पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी ने साबित कर दिया कि चाहे अपराधी कितनी भी चालाकी दिखाए, कानून की पकड़ हर हाल में मजबूत रहती है। महिला वेशभूषा में घूमने वाला शातिर अपराधी भी कानून के जाल से बच नहीं पाया।

आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड

एसपी ने बताया कि रोहित उर्फ मोनू का आपराधिक इतिहास लंबा है। उस पर पहले से 12 मामले दर्ज हैं, जिनमें मारपीट, जानलेवा हमला और धमकाने जैसे अपराध शामिल हैं। पुलिस अब आरोपी से उसके सहयोगियों और नेटवर्क के बारे में पूछताछ कर रही है ताकि बाकी गिरोह के भी सदस्य पकड़े जा सकें।

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