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RBI रिपोर्ट: MBBS के लिए भारतीय छात्रों की नई पसंद बना जॉर्जिया, यूक्रेन की लोकप्रियता में गिरावट

RBI रिपोर्ट: MBBS के लिए भारतीय छात्रों की नई पसंद बना जॉर्जिया, यूक्रेन की लोकप्रियता में गिरावट

भारतीय छात्रों का MBBS के लिए विदेशों की ओर रुझान बदल रहा है. RBI की रिपोर्ट बताती है कि यूक्रेन से ध्यान हटकर अब जॉर्जिया मुख्य पसंद बन रहा है. जॉर्जिया में भेजी गई शिक्षा राशि पिछले कुछ वर्षों में पांच गुना तक बढ़ी है, जबकि यूक्रेन में यह तेजी से घटी है. कम फीस, सुरक्षित माहौल और आसान वीजा जॉर्जिया को छात्रों के लिए आकर्षक गंतव्य बना रहे हैं.

MBBS Abroad Trend: भारतीय छात्रों का विदेश में मेडिकल पढ़ाई का ट्रेंड बदल रहा है. RBI की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम की रिपोर्ट के अनुसार जॉर्जिया अब भारतीय छात्रों की नई पसंद बन गया है. रिपोर्ट में बताया गया कि 2024-25 में जॉर्जिया में MBBS के लिए भेजी गई राशि 50.25 मिलियन डॉलर रही, जबकि 2018-19 में यह केवल 10.33 मिलियन डॉलर थी. यह बदलाव इसलिए आया क्योंकि बढ़ते युद्ध खतरे और असुरक्षा के कारण यूक्रेन में पढ़ाई के लिए भेजी जाने वाली राशि 14.18 मिलियन डॉलर से घटकर मात्र 2.40 मिलियन डॉलर रह गई है. जॉर्जिया में कम फीस, अंग्रेजी माध्यम शिक्षा और आसान वीजा प्रोसेस छात्रों को आकर्षित कर रहा है.

जॉर्जिया क्यों बन रहा है MBBS की नई पसंद

जॉर्जिया भारतीय छात्रों के लिए कम फीस, सुरक्षित माहौल और आसान वीजा प्रोसेस की वजह से आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है. यहां मेडिकल पढ़ाई अंग्रेजी में होती है और वार्षिक फीस 4,000 से 7,500 डॉलर के बीच रहती है. छह साल के MBBS कोर्स की कुल लागत आमतौर पर यूक्रेन की तुलना में ज्यादा किफायती पड़ती है.

RBI के अनुसार, 2019 में जहां जॉर्जिया में 4,148 भारतीय छात्र थे, वहीं 2023 तक यह संख्या बढ़कर 10,470 हो गई. यूक्रेन युद्ध के बाद कई छात्रों ने ट्रांसफर लेकर जॉर्जिया के मेडिकल कॉलेजों में अपनी पढ़ाई जारी रखी है. जॉर्जिया की मेडिकल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन का प्रोसेस भी तेज और सरल माना जाता है.

यूक्रेन और बड़े देशों में घट रहा निवेश

यूक्रेन कभी भारतीय छात्रों की पहली पसंद हुआ करता था, लेकिन युद्ध के कारण अब रुझान तेजी से गिर रहा है. 2024-25 में यूक्रेन को भेजी गई रेमिटेंस केवल 2.40 मिलियन डॉलर रह गई है. दूसरी ओर रूस में भेजी गई राशि 69.94 मिलियन डॉलर रही, जो पिछले वर्षों की तुलना में 200 प्रतिशत ज्यादा है.

अमेरिका और कनाडा जैसे बड़े शिक्षण केन्द्रों में भी गिरावट देखने को मिल रही है. अमेरिका में भेजी गई राशि में 10 प्रतिशत कमी आई, जबकि कनाडा में यह गिरावट 43 प्रतिशत तक पहुंच गई. ऑस्ट्रेलिया में 5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. वहीं ब्रिटेन में 12 प्रतिशत और जर्मनी में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

विदेश में MBBS के लिए भारतीय छात्रों की पसंद बदल रही है और जॉर्जिया उभरता हुआ प्रमुख विकल्प बन गया है. यूक्रेन में युद्ध और अन्य बड़े देशों में बढ़ती लागत के कारण छात्र सुरक्षित, किफायती और अंग्रेजी माध्यम वाले विकल्प चुन रहे हैं. आने वाले समय में यह ट्रेंड और मजबूत हो सकता है और जॉर्जिया जैसे देशों में भारतीय छात्रों की संख्या और बढ़ सकती है.

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