Pune

Real Estate 2025: बिक्री गिरी लेकिन मकानों की कीमतें क्यों लगातार बढ़ रही हैं?

Real Estate 2025: बिक्री गिरी लेकिन मकानों की कीमतें क्यों लगातार बढ़ रही हैं?

Housing Sale: साल 2025 की दूसरी तिमाही में भले ही सालाना आधार पर मकानों की बिक्री में notable गिरावट दर्ज की गई हो, लेकिन पहली तिमाही की तुलना में इसमें सुधार देखने को मिला है।

देश के आवासीय बाजार में इस साल की दूसरी तिमाही के आंकड़े चौंकाने वाले रहे हैं। लगातार दो साल तक रिकॉर्ड तोड़ बिक्री के बाद अब इस तिमाही में मकानों की डिमांड में साफ गिरावट दर्ज की गई है। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार फर्म एनारॉक द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के टॉप 7 शहरों में कुल 96,285 मकान बिके हैं, जो पिछले साल की समान तिमाही में बिके 1,20,335 मकानों के मुकाबले करीब 20 फीसदी कम हैं।

एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया कि दूसरी तिमाही में बाजार में अनिश्चितता का माहौल रहा। खासकर वैश्विक सैन्य गतिविधियों और आर्थिक तनाव ने खरीदारों को सतर्क कर दिया। ज्यादातर लोग फिलहाल प्रतीक्षा और अवलोकन की स्थिति में हैं, जिससे बिक्री पर सीधा असर पड़ा।

मुंबई में सबसे ज्यादा बिक्री, लेकिन गिरावट सबसे ज्यादा

2025 की दूसरी तिमाही में सबसे ज्यादा मकान मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन यानी एमएमआर में बिके, जहां कुल 31,275 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की गई। हालांकि यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 25 फीसदी कम है। यह इलाका देश का सबसे बड़ा रियल एस्टेट मार्केट माना जाता है, लेकिन इस बार यहां भी बिक्री में भारी गिरावट आई है।

पुणे में 27 फीसदी की गिरावट के साथ 15,410 मकान बिके, जबकि हैदराबाद में भी बिक्री में इतनी ही गिरावट रही और 11,040 यूनिट्स की बिक्री हुई। बेंगलूरु में 8 फीसदी की गिरावट के साथ 15,120 मकान बिके। कोलकाता में यह आंकड़ा 3,525 रहा जो 12 फीसदी की कमी को दर्शाता है।

एनसीआर यानी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 14,255 मकान बिके, जो पिछले साल की तुलना में 14 फीसदी कम हैं। इस सूची में चेन्नई इकलौता शहर रहा, जहां सकारात्मक रुझान देखने को मिला। यहां 11 फीसदी की बढ़त के साथ 5,660 मकान बिके।

आंकड़ों में नजर आई सुधार की शुरुआत

हालांकि साल-दर-साल बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिली है, लेकिन पिछली तिमाही की तुलना में बाजार में थोड़ा सुधार हुआ है। 2025 की पहली तिमाही में कुल 93,280 मकानों की बिक्री हुई थी। इसकी तुलना में दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा बढ़कर 96,285 पहुंच गया। यानी करीब 3 फीसदी की तिमाही वृद्धि दर्ज की गई।

इस सुधार का एक बड़ा कारण एनसीआर में तिमाही स्तर पर 14 फीसदी की बिक्री वृद्धि और एमएमआर में गिरावट की दर का केवल एक फीसदी तक सिमटना माना जा रहा है।

बिक्री कमजोर लेकिन दाम लगातार ऊपर

बिक्री में गिरावट के बावजूद मकानों के दामों में कोई ठहराव नजर नहीं आया। रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही में देश के टॉप 7 शहरों में मकानों की औसत कीमत में 11 फीसदी की सालाना वृद्धि हुई है। सबसे ज्यादा कीमतों में बढ़ोतरी एनसीआर में दर्ज की गई, जहां मकान 27 फीसदी महंगे हुए हैं।

बेंगलूरु दूसरे स्थान पर रहा जहां 12 फीसदी की कीमत वृद्धि दर्ज की गई। अन्य शहरों में भी तिमाही आधार पर मकानों की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है। डेवलपर्स की लागत बढ़ने, सीमित नई आपूर्ति और लगातार मांग के चलते दामों में यह उछाल देखा गया है।

नए प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग में भी आई कमी

मकानों की बिक्री के साथ-साथ इस बार नए प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग में भी गिरावट आई है। साल 2025 की दूसरी तिमाही में कुल 98,625 नए मकानों की लॉन्चिंग हुई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,17,165 मकान लॉन्च किए गए थे। यह 16 फीसदी की सालाना गिरावट है।

एनसीआर, चेन्नई और कोलकाता में नई लॉन्चिंग में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि एमएमआर, हैदराबाद, बेंगलूरु और पुणे में नए प्रोजेक्ट्स की संख्या में कमी आई है।

लक्जरी सेगमेंट की मांग सबसे ज्यादा

नई लॉन्चिंग में लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी सेगमेंट का वर्चस्व साफ नजर आ रहा है। डेवलपर्स द्वारा लॉन्च किए गए मकानों में से 46 फीसदी यूनिट्स ऐसे रहे जिनकी कीमत 1.5 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके बाद मिड-सेगमेंट यानी 40 से 80 लाख के मकानों और प्रीमियम सेगमेंट यानी 80 लाख से 1.5 करोड़ के मकानों की हिस्सेदारी 21-21 फीसदी रही।

किफायती मकानों की लॉन्चिंग का आंकड़ा सिर्फ 12 फीसदी रहा, जो संकेत देता है कि इस वर्ग की मांग अब बाजार में सीमित होती जा रही है या डेवलपर्स अब ज्यादा फोकस हाई-इनकम क्लास पर कर रहे हैं।

रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता के संकेत

हालांकि साल-दर-साल के आंकड़े कमजोर रहे हैं, लेकिन दूसरी तिमाही में कई ऐसे संकेत मिले हैं जो रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता की ओर इशारा करते हैं। बिक्री में तिमाही आधार पर हुई हल्की वृद्धि और कीमतों में मजबूती से बाजार के प्रति उपभोक्ताओं का भरोसा कायम है। 

उम्मीद की जा रही है कि आने वाली तिमाहियों में अगर ब्याज दरों में नरमी आती है और वैश्विक तनाव कम होता है, तो मकानों की बिक्री में और तेजी आ सकती है। फिलहाल, रियल एस्टेट इंडस्ट्री पूरे ध्यान से बाजार की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।

Leave a comment