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सावन में रोज़ 108 बार महामृत्युंजय जाप करने से क्या बदलता है? जानिए

सावन में रोज़ 108 बार महामृत्युंजय जाप करने से क्या बदलता है? जानिए

श्रावण मास में शिव भक्ति अपने चरम पर होती है। पूरा वातावरण शिव के जयकारों और पूजा की सुगंध से भर जाता है। ऐसे समय में यदि कोई मंत्र सबसे प्रभावशाली माना जाता है, तो वह है महामृत्युंजय मंत्र। यह सिर्फ एक धार्मिक पाठ नहीं, बल्कि जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति दिलाने वाला एक आध्यात्मिक यंत्र है, जो व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा को एक साथ संतुलित करता है।

सावन के महीने में इस मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि यदि कोई भक्त इस पवित्र महीने में रोज़ाना 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है, तो उसके जीवन की कई बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं।

मंत्र का अर्थ और शक्ति

महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है 

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

सावन में 108 बार जाप क्यों होता है विशेष

108 अंक को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। यह अंक ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ा हुआ है। रुद्राक्ष की माला में भी 108 दाने होते हैं। जब कोई व्यक्ति सावन के महीने में प्रतिदिन 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है, तो वह एक विशेष ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश करता है, जिससे उसकी हर प्रकार की समस्या धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि लगातार 30 दिन तक 108 बार इस मंत्र का जाप करने से मानसिक स्थिति स्थिर होती है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

इन समस्याओं से मिल सकती है मुक्ति

अकाल मृत्यु का भय

कहा जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र से अकाल मृत्यु के योग टाले जा सकते हैं। सावन में यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित होता है, जो स्वयं मृत्यु को नियंत्रित करने वाले देव हैं।

बीमारियों से राहत

पुराणों के अनुसार, यह मंत्र शरीर की कोशिकाओं तक सकारात्मक कंपन भेजता है, जिससे गंभीर रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।

मंत्र जाप की सही विधि

स्थान का चुनाव

एक शांत, स्वच्छ और पवित्र स्थान का चयन करें। घर के पूजा स्थल या किसी मंदिर का वातावरण उत्तम रहता है।

दिशा और समय

पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त का समय सबसे शुभ माना जाता है, परंतु दिन में कभी भी यह जाप किया जा सकता है।

रुद्राक्ष माला का प्रयोग

मंत्र जाप करते समय रुद्राक्ष की 108 दानों वाली माला का उपयोग करें। इससे ऊर्जा का प्रवाह व्यवस्थित होता है।

शिवलिंग के सामने करें जाप

यदि संभव हो तो शिवलिंग के सामने दीपक और धूप जलाकर इस मंत्र का जाप करें। इससे मंत्र की शक्ति और अधिक बढ़ जाती है।

कब और कैसे करें जाप

सावन महीने की शुरुआत से लेकर रक्षाबंधन या पूर्णिमा तक प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

सोमवार, प्रदोष और त्रयोदशी तिथि को विशेष फल प्राप्त होता है।

शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, और दूध चढ़ाने के बाद मंत्र जाप करना शुभ माना गया है।

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