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सीकर में करोड़ों की ठगी! नकली दस्तावेजों से बेची गई ज़मीन, 90 लाख की ठगी से रचाई शादी

सीकर में करोड़ों की ठगी! नकली दस्तावेजों से बेची गई ज़मीन, 90 लाख की ठगी से रचाई शादी

राजस्थान सीकर में एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह ने फर्जी दस्तावेजों से 8.50 बीघा जमीन का सौदा कर 90 लाख रुपये की ठगी की। गिरोह की महिला सदस्य ने खुद को मालकिन बताकर रकम ऐंठी, जिससे शादी, जेवर, उधारी चुकाने और स्कूटी खरीदने जैसे खर्च किए गए। 

सीकर: राजस्थान के सीकर जिले में एक ऐसा फिल्मी कांड सामने आया है, जिसे सुनकर आम आदमी ही नहीं, पुलिस भी चौंक गई। 8.50 बीघा जमीन के फर्जी सौदे में 90 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। इस जालसाजी में शामिल एक महिला ने खुद को ज़मीन की मालकिन बताकर सौदा तय किया और फिर उसी रकम से किसी ने शादी रचाई, तो किसी ने उधार चुकाया और नई स्कूटी तक खरीद डाली। मगर पुलिस की सतर्कता ने इस अंतरराज्यीय ठग गिरोह की पोल खोल दी है।

ठग बनी मालकिन, असली मालकिन को खबर तक नहीं

पूरा मामला तब शुरू हुआ जब पेंटिंग का ठेका करने वाले महावीर प्रसाद ने सीकर में ज़मीन खरीदने का मन बनाया। एक ब्रोकर मुंशीराम उसे नेहरू पार्क के पास की ज़मीन दिखाने ले गया और बताया कि ज़मीन दिल्ली निवासी मीरा सांसी की है, जो बीमार हैं और ज़मीन बेचना चाहती हैं। महावीर को झांसे में फंसाने के लिए बकायदा फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और मीरा सांसी बनकर एक महिला सामने आई।

जयपुर में थार गाड़ी में हुआ सौदा, 90 लाख की ठगी

20 जनवरी को जयपुर के कलेक्ट्रेट सर्किल के पास काली थार गाड़ी में चार लोग एक साथ पहुंचे — दो पुरुष और दो महिलाएं। विमला गुप्ता ने खुद को मीरा सांसी बताया (नकली मालकिन), कविता सिंह ने खुद को बहू और जितेंद्र राणा ने भतीजा दिलीप बताया। बलबीर सांसी नामक व्यक्ति ने दलाल की भूमिका निभाई। इन लोगों ने ज़मीन के फर्जी दस्तावेज महावीर को दिखाए और दो महीने बाद रजिस्ट्री कराने का वादा कर 90 लाख रुपये मौके पर ही ले लिए।

जब फोन हुए बंद, तब शुरू हुआ खेल

मार्च में जब तय तारीख बीत गई और न तो रजिस्ट्री हुई, न ही जमीन पर कब्जा मिला, तब महावीर ने फोन मिलाना शुरू किया। हैरानी की बात यह थी कि सभी मोबाइल नंबर बंद हो चुके थे। शक की सुई यहीं से घूमी और महावीर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

असली मालकिन तो थी दिल्ली में

जांच का जिम्मा मिला एएसआई तूफान सिंह को, जिन्होंने सबसे पहले जमीन की असलियत खंगाली। पता चला कि मीरा सांसी नाम की असली मालकिन तो दिल्ली में है और उसने अपनी ज़मीन कभी बेची ही नहीं। इसके बाद छानबीन करते हुए पुलिस ने सीकर निवासी बलबीर सांसी को दबोचा। कड़ाई से पूछताछ में बलबीर ने सब कुछ उगल दिया।

उसने बताया कि वो गिरोह का सक्रिय सदस्य है और उसी ने दलाल मुंशीराम को यह जमीन दिखाई थी। बलबीर की निशानदेही पर बाकी तीन आरोपियों को भी पुलिस ने धर दबोचा।

चोरी के पैसों से शादी, शॉपिंग और स्कूटी

जांच में जो खुलासे हुए, वे और भी चौंकाने वाले थे। आरोपी जितेंद्र राणा ने बिहार से दुल्हन लाकर जयपुर के एक फाइव स्टार रिसॉर्ट में भव्य शादी की। लाखों रुपये खर्च कर दूल्हा बना और सोने के गहने भी बनवाए। वहीं, आरोपी महिलाएं विमला गुप्ता और कविता सिंह ने अपने पुराने उधार चुकाए, नई स्कूटी खरीदी और अपनी जिंदगी में कुछ दिन ऐश किए।

पुलिस की जांच में खुला फर्जीवाड़े का सच 

मामले की जांच एएसआई तूफान सिंह के नेतृत्व में शुरू हुई। दस्तावेजों की गहराई से जांच करने पर पता चला कि असली ज़मीन मालिक मीरा सांसी तो दिल्ली में हैं और उन्होंने कभी अपनी ज़मीन बेचने की बात भी नहीं की थी। पुलिस ने सबसे पहले सीकर निवासी बलबीर सांसी को पकड़ा। पूछताछ में उसने पूरे गिरोह का राज खोल दिया।

पुलिस की टीम ने किया सराहनीय काम

इस केस की तह तक पहुंचने में पुलिस की टीम ने बेहतरीन काम किया। एएसआई तूफान सिंह, कांस्टेबल शंकरलाल यादव, दिनेश डोटासरा, दलीप भामू, राजकुमार और महिला कांस्टेबल सुमित्रा की भूमिका को थानाधिकारी ने विशेष रूप से सराहा है।

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