शाहरुख और काजोल की दोस्ती की शुरुआत ‘बाज़ीगर’ के सेट से हुई थी, जहां पहली मुलाकात में काजोल को शाहरुख खड़ूस और मतलबी लगे थे, लेकिन वक्त के साथ दोनों की शानदार दोस्ती ने बॉलीवुड में मिसाल कायम कर दी।
Shah Rukh or kajol: बॉलीवुड की सिल्वर स्क्रीन पर अगर किसी जोड़ी ने रोमांस और दोस्ती का जादू बिखेरा है, तो वो हैं शाहरुख खान और काजोल। ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कुछ कुछ होता है’ और ‘माई नेम इज खान’ जैसी फिल्मों में इनकी केमिस्ट्री ने लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आइकॉनिक जोड़ी की शुरुआत एक ठंडी लड़ाई से हुई थी?
हाल ही में काजोल ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि 1993 की सुपरहिट फिल्म ‘बाज़ीगर’ के सेट पर जब उन्होंने पहली बार शाहरुख खान से मुलाकात की, तो उन्हें वह खड़ूस, असभ्य और मतलबी लगे थे। उन्होंने बताया कि शुरुआत में दोनों की बातचीत और बॉन्डिंग लगभग ना के बराबर थी।
बाज़ीगर की शूटिंग और पहला दिन
रेडियो नशा को दिए एक इंटरव्यू में काजोल ने बताया कि वह तब सिर्फ 17 साल की थीं, और साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी को 'बाज़ीगर' की शूटिंग हो रही थी। नए साल की पार्टी से दूर रहना उनके लिए सामान्य था, लेकिन सेट पर मौजूद ज्यादातर लोग पार्टी की थकावट और हैंगओवर में थे।
काजोल ने कहा,
'मैं बहुत बातूनी थी और सेट पर सबके साथ बकबक कर रही थी। मेरी आवाज़ बिना माइक के भी दूर तक पहुंच जाती थी। तभी मैंने कैमरा मैन से कहा, ‘रवि दादा, ये क्या खड़ूस एक्टर है आप का?’
इस दौरान शाहरुख चुपचाप कोने में चश्मा पहनकर स्क्रिप्ट पढ़ रहे थे। उन्होंने न तो कुछ सुना, न ही प्रतिक्रिया दी। यह देखकर काजोल ने सोचा कि शायद वह रुखे मिजाज के इंसान हैं।
जब शाहरुख ने काजोल से कहा, 'चुप रहो'
काजोल ने मजाकिया अंदाज में आगे बताया कि उन्होंने सोचा क्यों न शाहरुख से खुद बातचीत शुरू की जाए। जब वह उनके पास पहुंचीं और फ्रेंडली तरीके से बात करने लगीं, तो शाहरुख ने जवाब में कहा:
'क्या आप एक मिनट के लिए चुप हो सकती हैं? कोई इसे चुप कराए, प्लीज़।'
काजोल इस रिएक्शन से हैरान और नाराज़ हो गईं। उन्होंने सोचा, 'मैं तो दोस्ती करने आई थी, और ये कितने रूखे और असभ्य इंसान हैं।' उस वक्त काजोल को लगा कि शाहरुख उनसे बात ही नहीं करना चाहते और एकदम मतलबी हैं।
पर धीरे-धीरे बदलने लगी बॉन्डिंग
हालांकि यह शुरुआत कुछ खास नहीं रही, लेकिन ‘बाज़ीगर’ की शूटिंग के दौरान ही दोनों की बातचीत बढ़ी और गहरी दोस्ती में बदल गई। काजोल ने कहा कि शाहरुख की मेहनत, ईमानदारी और पेशेवराना रवैया देखकर वह धीरे-धीरे उन्हें समझने लगीं।
वहीं शाहरुख भी काजोल के बिंदास और सच्चे स्वभाव के कायल हो गए। यही केमिस्ट्री बाद में 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' और 'कुछ कुछ होता है' जैसी फिल्मों में खुलकर सामने आई।
डेटिंग की अफवाहें और सच्चाई
पुराने इंटरव्यू में जब शाहरुख और काजोल से पूछा गया कि अगर वे दोनों सिंगल होते, तो क्या एक-दूसरे को डेट करते, इस पर काजोल ने कहा:
'मुझे नहीं लगता कि ये संभव होता, क्योंकि मैंने शाहरुख के साथ पहली फिल्म की शूटिंग के 6 महीने के अंदर ही अजय (देवगन) को डेट करना शुरू कर दिया था।'
दूसरी ओर, शाहरुख भी गौरी खान को मुंबई आने से पहले से डेट कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'हम दोनों की ज़िंदगियों में पहले से कोई खास इंसान था, इसलिए हमारी दोस्ती के अलावा और कुछ होना कभी संभव नहीं था।'
प्रोफेशनलिज्म बना रिश्ता खास
काजोल और शाहरुख के बीच की बॉन्डिंग सिर्फ ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री तक सीमित नहीं है। दोनों ने एक-दूसरे के करियर में कई बार साथ खड़े होकर दोस्ती की मिसाल पेश की है। शाहरुख ने कई बार काजोल को अपनी सबसे अच्छी फीमेल को-स्टार कहा है, वहीं काजोल भी उन्हें एक सच्चा दोस्त मानती हैं।
उनकी दोस्ती का सबसे बड़ा सबूत यह है कि आज भी, जब भी ये जोड़ी एक साथ स्क्रीन पर नजर आती है, तो वही 90s की मासूमियत और गहराई आज भी जिंदा लगती है।