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Shani Dev: क्यों है शनि देव का रंग काला और क्या है उनकी कथा

Shani Dev: क्यों है शनि देव का रंग काला और क्या है उनकी कथा

शनिवार को शनि देव की पूजा की जाती है, जिन्हें हिंदू धर्म में न्याय और कर्म प्रधान देवता माना जाता है। शनि देव का प्रिय रंग काला है, जो गंभीरता, शक्ति और नकारात्मकता से मुक्ति का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार, उनके जन्म और माता छाया की तपस्या के कारण शनि का रंग काला हुआ। आज भी भक्त उन्हें काले तिल, काले कपड़े और लोहे की चीज़ें चढ़ाकर प्रसन्न करते हैं।

Shani Dev Worship: शनि देव को न्याय और कर्म प्रधान देवता माना जाता है और उनका प्रिय रंग काला है। शनिवार के दिन उनकी उपासना की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शनि देव हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और उनके अनुसार फल प्रदान करते हैं। पुराणों में बताया गया है कि माता छाया की तपस्या और जन्म के समय परिस्थितियों के कारण शनि देव का रंग काला हुआ, जिससे वे न्याय और शक्ति के प्रतीक बन गए।

काले रंग का महत्व और शनि देव का प्रिय रंग

शनिवार को शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है। शनि देव का रंग काला उनके न्यायपूर्ण स्वभाव और कर्म प्रधानता का प्रतीक माना जाता है। काले रंग को गंभीरता, शक्ति और नकारात्मकता से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है। भारतीय संस्कृति में बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए भी काले रंग का प्रयोग किया जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त शनि देव को काले रंग की वस्तुएँ चढ़ाते हैं, उनके घर और जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और उनकी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। काले तिल, काले कपड़े, काली उड़द और लोहे की चीज़ें उनके प्रिय चढ़ावे में शामिल हैं।

शनि देव का जन्म और माता छाया की तपस्या

पुराणों के अनुसार, शनि देव की माता छाया भगवान शिव की अनन्य भक्त थीं। उन्होंने गर्भ में ही शनि देव के लिए अत्यंत तपस्या की। इस तपस्या और धूप, गर्मी की तीव्रता के कारण शनि देव का रंग काला हुआ। जन्म के समय सूर्य देव ने शनि देव को अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया।

इस पर क्रोधित होकर शनि देव ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि वे सबसे शक्तिशाली ग्रह बनेंगे और उनकी पूजा अनंत काल तक होती रहेगी। इसके बाद से शनि देव न्याय के सच्चे देवता के रूप में जाने गए और उनका प्रिय रंग काला बन गया।

शनि देव की पूजा और प्रसन्नता के उपाय

  • ष्ॐ शं शनैश्चराय नमः
  • ष्ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
  • ष्ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये. सय्योंरभीस्रवन्तुनः

मंत्रों का नियमित जाप और शनिवार के दिन व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।

शनि देव की न्यायपूर्ण शक्ति

हिंदू ज्योतिष में शनि देव को न्याय और कर्म प्रधान ग्रह माना जाता है। वे हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और उसी के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि देव की दृष्टि से कोई भी गलत कार्य नहीं बच सकता। उनकी उपासना से जीवन में अनुशासन, संयम और न्याय की भावना आती है।

भक्तों का विश्वास है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से शनि देव की पूजा करता है, वह जीवन में कठिनाइयों और बाधाओं से सुरक्षित रहता है। शनिदेव की कठोर दृष्टि से बचने के लिए काले रंग का प्रयोग करना और मंत्र जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।

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