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सितंबर से महंगी होंगी मर्सिडीज की कारें, लग्जरी खरीददारों को झेलनी होगी जेब पर मार

सितंबर से महंगी होंगी मर्सिडीज की कारें, लग्जरी खरीददारों को झेलनी होगी जेब पर मार

जो लोग इस फेस्टिव सीजन में लग्जरी कार लेने की तैयारी में हैं, उनके लिए एक नई चिंता सामने आ गई है। जर्मन लग्जरी कार ब्रांड मर्सिडीज बेंज इंडिया ने घोषणा की है कि वह सितंबर 2025 से अपने वाहनों की कीमतों में 1 से 1.5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने जा रही है। कंपनी के अनुसार, इस फैसले के पीछे रुपये की कीमत में गिरावट और आयात लागत में बढ़ोतरी जैसे आर्थिक कारण हैं।

इस साल तीसरी बार कीमत में बदलाव

मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ संतोष अय्यर ने बताया कि 2025 में यह तीसरी बार है जब कंपनी अपनी कारों की कीमतों में इजाफा कर रही है। इससे पहले जनवरी और जुलाई में भी कंपनी कीमतें बढ़ा चुकी है। इस बार सितंबर में होने वाली बढ़ोतरी को अय्यर ने आवश्यक आर्थिक कदम बताया है।

उनके मुताबिक, यूरो के मुकाबले रुपये का भाव हाल के दिनों में 100 के करीब बना हुआ है, जिससे इंपोर्ट कॉस्ट में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में कंपनी को लागत समायोजन के लिए कीमतें बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा।

ग्राहकों पर कम पड़ेगा असर

संतोष अय्यर का मानना है कि कीमत में यह बढ़ोतरी बहुत ज्यादा नहीं है और इसका बिक्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि मर्सिडीज की लगभग 80 प्रतिशत कारें फाइनेंस विकल्पों के जरिए खरीदी जाती हैं और इस बार की कीमत बढ़ोतरी को ईएमआई (मासिक किस्त) पर ज्यादा असर न पड़े, इसके लिए कंपनी ने ब्याज दरों में भी राहत दी है।

उनका कहना है कि जो ग्राहक फाइनेंस के जरिए गाड़ी खरीदते हैं, उन्हें यह मूल्यवृद्धि ईएमआई में ज्यादा फर्क के रूप में महसूस नहीं होगी। यह रणनीति कंपनी ने ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपनाई है।

सप्लाई चेन पूरी तरह कंट्रोल में

मर्सिडीज के लिए सप्लाई चेन का कोई बड़ा संकट नहीं है। अय्यर ने बताया कि जर्मनी के स्टटगार्ट स्थित ग्लोबल हेडक्वार्टर से सप्लाई चेन पूरी तरह नियंत्रण में है और भारत में सभी मॉडलों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। रेर अर्थ मैग्नेट्स जैसी कच्चे माल की वैश्विक किल्लत का भी कंपनी की भारतीय इकाई पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह भारत में बिक्री के लिए किसी भी मॉडल की उपलब्धता को लेकर ग्राहकों को इंतजार नहीं करवा रही है, जो कि लग्जरी कार बाजार में एक बड़ी बात मानी जाती है।

वैश्विक हालात का असर

हाल की वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियों, जैसे यूक्रेन युद्ध, चीन की उत्पादन नीति और वैश्विक आपूर्ति कड़ियों पर असर, के कारण ऑटोमोबाइल कंपनियों को साल 2025 में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, भारत जैसे उभरते बाजारों में ग्राहकों की रुचि और क्रयशक्ति के चलते यह असर अपेक्षाकृत कम देखा जा रहा है।

अय्यर ने यह भी बताया कि दुनिया भर में सामान्य कारों की औसत बिक्री कीमतें सरकारी नियमों के कारण बढ़ रही हैं, वहीं लग्जरी कारों की कीमतों पर मुद्रा विनिमय दरों का सीधा असर देखा जा रहा है।

बिक्री लक्ष्य पर बरकरार है भरोसा

मर्सिडीज बेंज इंडिया ने इस साल भारत में डबल डिजिट ग्रोथ का टारगेट रखा है। कंपनी ने फर्स्ट हाफ में संतोषजनक प्रदर्शन किया है और उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में बिक्री में और तेजी आएगी। अय्यर का कहना है कि भले ही कीमतों में मामूली बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन कस्टमर का भरोसा अब भी ब्रांड पर बना हुआ है।

कंपनी ने इस साल के पहले छह महीनों में अपने लोकप्रिय मॉडल्स जैसे मर्सिडीज बेंज E-Class, GLC, GLS और EQS जैसी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की अच्छी बिक्री दर्ज की है। इलेक्ट्रिक सेगमेंट में भी कंपनी की मौजूदगी अब मजबूत हो रही है और वह भारत में इस तकनीक को तेजी से फैलाने की योजना पर काम कर रही है।

रुपये की मजबूती पर नजर

फॉरेक्स एक्सपर्ट्स और ऑटो सेक्टर के जानकार मानते हैं कि यदि आने वाले महीनों में रुपया यूरो के मुकाबले फिर से मजबूत होता है, तो कंपनियों को राहत मिल सकती है। हालांकि फिलहाल जो हालत है, उसमें हर लग्जरी ब्रांड अपनी कीमतों पर पुनर्विचार कर रहा है।

मर्सिडीज बेंज के अलावा अन्य अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स भी कीमतों में संशोधन पर विचार कर रहे हैं। ऐसे में सितंबर की यह बढ़ोतरी मर्सिडीज के बाद अन्य कंपनियों के लिए भी एक संकेत बन सकती है।

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