सोते समय फोन सिर के पास रखने की आदत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। यह रेडिएशन, ब्लू लाइट और लगातार नोटिफिकेशन के कारण नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करती है, सिरदर्द, थकान और मानसिक तनाव बढ़ा सकती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि फोन को बिस्तर से दूर रखें और जरूरी होने पर एयरप्लेन मोड का उपयोग करें।
Health Warning: सोते समय सिर के पास स्मार्टफोन रखने की आदत गंभीर प्रभाव डाल सकती है। भारत में विशेषज्ञों के अनुसार, यह आदत नींद की गुणवत्ता खराब कर सकती है और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकती है। यह समस्या खासकर उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो रात में फोन चार्जिंग पर रखते हैं या अलार्म के लिए पास रखते हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि नींद के दौरान फोन को बिस्तर से दूर रखें और आवश्यक होने पर एयरप्लेन मोड का इस्तेमाल करें।
रेडिएशन और नींद पर असर
स्मार्टफोन लगातार रेडियोफ्रीक्वेंसी (RF) रेडिएशन छोड़ते हैं। जब फोन सिर के पास रखा जाता है, तो यह रेडिएशन सीधे मस्तिष्क पर असर डाल सकता है। शोध बताते हैं कि इससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है, सिरदर्द, थकान और तनाव जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, फोन की ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन के स्राव को रोकती है, जिससे नींद देर से आती है और नींद पूरी नहीं होती।
मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा जोखिम
सोते समय फोन पास रखने से लगातार नोटिफिकेशन, वाइब्रेशन या कॉल अलर्ट मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। कई बार चार्जिंग के दौरान फोन तकिए के पास रखने से शॉर्ट सर्किट या आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। यह आदत एंग्जायटी और इंसोम्निया जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे सकती है।
सुरक्षित तरीके और बचाव
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि फोन को सोते समय बिस्तर से दूर रखें। यदि अलार्म के लिए फोन पास रखना जरूरी है, तो उसे एयरप्लेन मोड पर डालें। सोने से कम से कम 30 मिनट पहले फोन बंद कर दें और अगर संभव हो तो अलार्म के लिए घड़ी का उपयोग करें। यह छोटे उपाय हमारी नींद, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
स्मार्टफोन हमारी जीवनशैली का अहम हिस्सा हैं, लेकिन सोते समय सिर के पास रखना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। बेहतर नींद और सुरक्षित जीवन के लिए फोन को बिस्तर से दूर रखना और रात में अलार्म सेटिंग्स पर ध्यान देना जरूरी है।