सुल्तानपुर, 4 नवंबर 2025 — जिले के कई इलाकों में गुरुवार रात से शुरू हुई तेज़ हवाओं एवं बरसात ने खेतों में काटकर सुखाए जा रहे धान को नुकसान पहुँचाया है। किसानों ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में धान के कटे हुए पौधे तक पानी में भीग गए हैं, जिससे उनके लिए आने वाली खरीद प्रक्रिया और लाभ दोनों खतरे में हैं।
किसान यह अनुमान लगा रहे हैं कि कई स्थानों पर फसल का लगभग 40 % हिस्सा प्रभावित हुआ है। राजस्व विभाग ने कहा है कि प्रभावित किसानों की क्षति का आकलन किया जा रहा है, और जिन किसानों की फसल 33 % या उससे अधिक प्रभावित हुई होगी, उन्हें मुआवजा मिल सकता है।
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि कटाई के बाद तुरंत सुखाने/खेलने की व्यवस्था करनी चाहिए तथा बचे हुए खेतों में जलनिकासी की व्यवस्था करना आवश्यक है ताकि आगे का नुकसान रोका जा सके। किसानों का अनुमान है कि कई जगहों पर 40% से अधिक तक फसल का नुकसान हुआ है।
प्रभावित किसानों को धान उठाने-उलटने, सुखाने के लिए अतिरिक्त मजदूरी करनी पड़ी, जिससे उनका खर्च बढ़ गया।
अंकुरित बीज और सड़ी पुआल से न तो मात्रा ही ठीक रही न ही गुणवत्ता — इससे तुरंत होने वाली आय और अगले सीज़न के इनपुट दोनों प्रभावित होंगे।
राजस्व विभाग द्वारा आकलन किया जाना सकारात्मक है — लेकिन मुआवज़ा मिलने की गति और प्रभावशीलता अभी उज्ज्वल नहीं है।
                                                                        
                                                                            
                                                











