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ट्रंप का ब्रिक्स पर हमला! डॉलर विरोध पर संभावित शुल्क की धमकी

ट्रंप का ब्रिक्स पर हमला! डॉलर विरोध पर संभावित शुल्क की धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी कि अमेरिकी डॉलर के खिलाफ कदम उठाने पर उनके उत्पादों पर शुल्क लगाया जाएगा। ट्रंप का कहना है कि सभी संभावित सदस्य अब पीछे हट गए हैं।

US News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ब्रिक्स देशों के खिलाफ अमेरिकी डॉलर को लेकर सख्त रुख अपनाया है। ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स में शामिल होने वाले संभावित देशों को चेतावनी दी गई थी कि अगर वे ऐसा करेंगे तो अमेरिका उनके उत्पादों पर शुल्क लगा देगा। इसके बाद उन्होंने दावा किया कि सभी देश पीछे हट गए और कोई भी ब्रिक्स की इस नीति के पक्ष में नहीं रहा।

ब्रिक्स देशों पर ट्रंप की चिंता

ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। ट्रंप अक्सर इस समूह पर अमेरिकी हितों के खिलाफ कदम उठाने का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने इसे ‘‘अमेरिका-विरोधी’’ नीति करार दिया और चेतावनी दी कि यदि कोई ब्रिक्स में शामिल होकर अमेरिकी डॉलर की जगह अन्य मुद्रा का उपयोग करता है, तो उसके उत्पादों पर शुल्क लगाया जाएगा।

ट्रंप ने ब्रिक्स के संभावित सदस्यों से कहा, ‘‘अगर आप ऐसा करना चाहते हैं तो अमेरिका में आने वाले आपके सभी उत्पादों पर शुल्क लगा दिया जाएगा।’’ उनका यह बयान व्यापार और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेन-देन को लेकर अमेरिकी कड़े रुख को दर्शाता है।

ब्रिक्स का डॉलर विरोध

ब्रिक्स देशों ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में अमेरिकी एकतरफा शुल्क और गैर-शुल्क उपायों के बढ़ने पर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि इन उपायों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बाधा पैदा की है। ट्रंप के अनुसार, ब्रिक्स का डॉलर पर हमला अमेरिका की अर्थव्यवस्था और व्यापार नीति के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

उन्होंने कहा कि डॉलर में लेन-देन करने वाले देशों को ‘‘लाभ’’ होगा, जबकि जो इसके खिलाफ जाएंगे, उन्हें शुल्क और व्यापार प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि यह कदम अमेरिकी व्यापार और वित्तीय हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।

संभावित देशों के पीछे हटने की बात

ट्रंप ने दावा किया कि ब्रिक्स में शामिल होने के इच्छुक देशों को उनके रुख के बारे में चेतावनी दी गई थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि सभी देश पीछे हट गए और कोई भी उनके विरोध में नहीं रहा। ट्रंप ने इसे ब्रिक्स के ‘‘डॉलर पर हमले’’ के रूप में देखा। उनका कहना है कि अमेरिका हमेशा अपने व्यापारिक और आर्थिक हितों की रक्षा करेगा और इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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