वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में आईना लगाने की दिशा और जगह बेहद महत्वपूर्ण होती है। सही दिशा में लगाया गया शीशा घर में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और शांति लाता है, जबकि गलत दिशा में रखा आईना नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। पूर्व या उत्तर दिशा में आईना लगाना शुभ माना जाता है, वहीं दक्षिण और पश्चिम दिशा से बचना चाहिए।
Vastu Tips For Mirror: वास्तु शास्त्र में आईने को सिर्फ सजावट का हिस्सा नहीं, बल्कि ऊर्जा संतुलन का साधन माना गया है। अगर आप घर में शीशा लगाने की सोच रहे हैं, तो इसकी दिशा और स्थिति पर खास ध्यान दें। विशेषज्ञों के मुताबिक, पूर्व और उत्तर दिशा में रखा आईना घर में सकारात्मक ऊर्जा, तरक्की और धन के योग बढ़ाता है। वहीं, दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाया गया शीशा नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है। इसलिए वास्तु नियमों के अनुसार आईने की सही दिशा का चयन करना घर की खुशहाली के लिए जरूरी है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में आईने का महत्व
आईना केवल एक प्रतिबिंब दिखाने वाला उपकरण नहीं है, बल्कि यह घर की ऊर्जा को बढ़ाने या घटाने की क्षमता भी रखता है। वास्तु विशेषज्ञों के मुताबिक, शीशा घर में रोशनी और ऊर्जा को फैलाने का माध्यम होता है। इसका सही इस्तेमाल घर के माहौल को उज्जवल और शांत बनाता है। वहीं, गलत जगह लगाया गया शीशा जीवन में तनाव, भ्रम और अशांति भी बढ़ा सकता है।
आईना घर की शोभा तो बढ़ाता ही है, लेकिन अगर इसे वास्तु के अनुसार लगाया जाए, तो यह घर में धन, सुख और स्वास्थ्य से जुड़ी सकारात्मकता लाता है। इसलिए, आईना लगाने से पहले दिशा और स्थिति पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।
कहां रखें आईना
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में आईना लगाने की सबसे शुभ दिशाएं पूर्व (East) और उत्तर (North) मानी जाती हैं। इन दिशाओं में आईना लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन लाभ के योग बनते हैं।
अगर आप अपने घर की उत्तर दिशा की दीवार पर आईना लगाते हैं, तो यह घर की ऊर्जा को बढ़ाता है। वहीं, पूर्व दिशा में शीशा लगाने से घर में सुबह की सूर्य की किरणें आईने से परावर्तित होकर पूरे घर में प्रकाश फैलाती हैं, जो मानसिक शांति और तरक्की के लिए शुभ माना जाता है।
आईना खिड़की या बालकनी के पास लगाना भी अच्छा विकल्प है, क्योंकि वहां से आने वाली प्राकृतिक रोशनी घर के भीतर फैलती है। इससे घर का माहौल उज्ज्वल रहता है और सकारात्मकता बनी रहती है।
कहां न लगाएं आईना
वास्तु शास्त्र में कुछ दिशाओं और स्थानों पर आईना लगाने से मना किया गया है। इनमें दक्षिण (South) और पश्चिम (West) दिशा प्रमुख हैं। इन दिशाओं में शीशा लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।
इसके अलावा, बेडरूम में आईना इस तरह नहीं लगाना चाहिए कि उसमें बिस्तर का प्रतिबिंब दिखाई दे। ऐसा माना जाता है कि बिस्तर का प्रतिबिंब वैवाहिक जीवन में कलह और तनाव लाता है। अगर बेडरूम में शीशा जरूरी हो तो उसे पर्दे से ढक कर रखना चाहिए या ऐसी जगह लगाएं जहां सोते समय उसमें खुद का प्रतिबिंब न दिखे।
घर की रसोई (Kitchen) में शीशा लगाना भी शुभ नहीं माना जाता। वास्तु के अनुसार, रसोई में शीशा लगाना गृह-क्लेश और नकारात्मकता का कारण बन सकता है।
आईना दरवाजे के सामने न लगाएं
वास्तु शास्त्र में यह विशेष रूप से कहा गया है कि मुख्य दरवाजे के ठीक सामने आईना नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में प्रवेश करने वाली सकारात्मक ऊर्जा वापस लौट जाती है।
अगर आईना सीधे प्रवेश द्वार के सामने हो, तो यह आने वाली धन और समृद्धि की ऊर्जा को घर के अंदर स्थिर होने से रोकता है। इसलिए, बेहतर है कि आईना ऐसी दिशा में लगाएं जिससे वह दरवाजे या बिस्तर के ठीक सामने न हो।
टूटा या धुंधला आईना लाता है दुर्भाग्य
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में टूटा हुआ, धुंधला या पुराना आईना रखना अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि टूटा शीशा दुर्भाग्य और झगड़ों का कारण बनता है। इसके अलावा यह घर की ऊर्जा को असंतुलित करता है, जिससे अशांति और आर्थिक नुकसान के योग बनते हैं।
अगर आपके घर में पुराना या दरार वाला आईना है, तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए। घर में हमेशा साफ, चमकदार और बिना खरोंच वाला शीशा इस्तेमाल करें। इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
आईने की ऊंचाई और आकार का भी होता है असर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आईने का आकार और ऊंचाई भी मायने रखती है। चौकोर या आयताकार शीशा सबसे शुभ माना जाता है। गोल या अंडाकार शीशा भी ठीक है, लेकिन अनियमित आकार के शीशे से बचना चाहिए।
आईना ऐसी ऊंचाई पर लगाना चाहिए कि उसमें व्यक्ति का चेहरा और गर्दन पूरी तरह दिखे। इससे आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता बढ़ती है। अगर आईना बहुत नीचे या ऊपर लगा होगा, तो यह असंतुलन का प्रतीक माना जाता है।
आईना लगाते समय रखें ये सावधानियां
- आईना हमेशा साफ और चमकदार रखें।
- रात में सोने से पहले बेडरूम का शीशा ढक दें।
- बच्चों के कमरे में आईना खिड़की के सामने लगाना शुभ होता है।
- घर की पूजा स्थान या मंदिर में आईना न लगाएं।
- आईना ऐसी जगह लगाएं जहां सूर्य की रोशनी सीधे पड़ सके।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से घर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है और परिवार में शांति और सुख की अनुभूति होती है।
वास्तु के अनुसार आईना और समृद्धि का संबंध
आईना धन और समृद्धि से भी जुड़ा हुआ है। वास्तु के अनुसार, अगर आप अपने घर की उत्तर दिशा में आईना लगाते हैं तो इससे धन का प्रवाह बढ़ता है। वहीं, पूर्व दिशा में लगाया गया शीशा नए अवसरों और तरक्की के रास्ते खोलता है।
कई वास्तु विशेषज्ञ मानते हैं कि आईना जीवन में आत्मचिंतन और आत्मविकास का प्रतीक भी है। इसलिए घर में आईने की स्थिति न सिर्फ भौतिक समृद्धि बल्कि मानसिक शांति को भी प्रभावित करती है।