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World Mental Health Day: जानिए खराब मानसिक स्वास्थ्य के शुरुआती लक्षण और उनके असर

World Mental Health Day: जानिए खराब मानसिक स्वास्थ्य के शुरुआती लक्षण और उनके असर

तेज़ जिंदगी और बढ़ते तनाव के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। लगातार उदासी, चिंता, नींद और भूख में बदलाव, थकान, आत्मविश्वास की कमी जैसे लक्षण इसके संकेत हैं। समय पर पहचान और इलाज न मिलने पर यह डिप्रेशन, गंभीर मानसिक समस्याओं या आत्म-हानि तक बढ़ सकता है।

World Mental Health Day: आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी और बढ़ते तनाव के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार लगातार उदासी, निराशा, चिड़चिड़ापन, नींद और भूख में बदलाव, थकान, आत्मविश्वास की कमी, सामाजिक दूरी और रुचियों में कमी खराब मानसिक स्वास्थ्य के प्रमुख संकेत हैं। समय पर पहचान और मनोवैज्ञानिक सहायता से इसे नियंत्रित किया जा सकता है, अन्यथा यह गंभीर मानसिक समस्याओं या आत्म-हानि तक ले जा सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

मानसिक स्वास्थ्य केवल मानसिक स्थिति नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की सोचने, महसूस करने और जीवन जीने की क्षमता को प्रभावित करता है। खराब मानसिक स्वास्थ्य का मतलब है कि व्यक्ति लगातार तनाव, उदासी या असहजता महसूस कर रहा है और उसके रोज़मर्रा के कामकाज, रिश्तों और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार हर साल करोड़ों लोग तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से जूझते हैं।

खराब मानसिक स्वास्थ्य के असर

मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने से कई गंभीर समस्याएं सामने आ सकती हैं। सबसे आम समस्याओं में डिप्रेशन, चिंता, नींद संबंधी परेशानियां, आत्मविश्वास की कमी और लगातार तनाव शामिल हैं। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहने पर हार्ट डिजीज, मोटापा, डायबिटीज और पेट से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों और युवाओं में इसका असर पढ़ाई और सामाजिक जीवन पर पड़ता है। अगर समय पर इलाज और देखभाल न मिले, तो यह गंभीर मानसिक बीमारी या आत्म-हानि तक ले जा सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के संकेत

गाजियाबाद जिला MMG हॉस्पिटल के मनोरोग विभाग के डॉ. ए.के. विश्वकर्मा के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के संकेत धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। सबसे पहले व्यक्ति में लगातार उदासी, निराशा और चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है। नींद या भूख में बदलाव, थकान और आत्मविश्वास की कमी भी इसके संकेत हैं। इसके अलावा, व्यक्ति लोगों से दूरी बनाने लगता है, अपने शौक और रुचियों में रुचि खो देता है और बार-बार चिंता या डर महसूस करता है।

गंभीर मामलों में व्यक्ति के मन में आत्महत्या या आत्म-हानि के विचार भी आ सकते हैं। यह स्थिति खासकर युवाओं, कामकाजी लोगों और लंबे समय तक तनाव में रहने वाले व्यक्तियों के लिए खतरनाक होती है। समय पर पहचान और मनोवैज्ञानिक या मनोरोग विशेषज्ञ की मदद इसे नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है।

रोज़मर्रा की जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य

मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए रोज़मर्रा की आदतें बहुत महत्वपूर्ण हैं। हेल्दी डाइट, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम, योग या मेडिटेशन से मानसिक संतुलन बनाए रखा जा सकता है। सोशल मीडिया का सीमित उपयोग भी तनाव कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, अपने शौक और पसंदीदा एक्टिविटी के लिए समय निकालना मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

समय पर पहचान 

मानसिक स्वास्थ्य की शुरुआती पहचान बहुत महत्वपूर्ण होती है। लगातार उदासी, चिंता, आत्मविश्वास की कमी या शारीरिक थकान जैसी समस्याएं संकेत हो सकती हैं कि व्यक्ति को विशेषज्ञ की मदद की आवश्यकता है। समय पर सहायता लेने से मानसिक समस्या गंभीर रूप लेने से बच सकती है।

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