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AI के गॉडफादर की चेतावनी: इस टेक्नोलॉजी से लाखों नौकरियां जाएंगी, मस्क जैसे लोग बनेंगे अमीर

AI के गॉडफादर की चेतावनी: इस टेक्नोलॉजी से लाखों नौकरियां जाएंगी, मस्क जैसे लोग बनेंगे अमीर

नोबेल पुरस्कार विजेता और AI के जनक जेफ्री हिंटन ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेजी से बढ़ते प्रभाव से लाखों लोगों की नौकरियां खतरे में हैं, जबकि अरबपति एलन मस्क जैसे लोग अमीर बनते जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह समस्या तकनीक से अधिक समाज और अर्थव्यवस्था की संरचना से जुड़ी है, लेकिन AI के विकास को रोकने का उनका पक्ष नहीं है।

AI And Employment Crisis: नोबेल पुरस्कार विजेता और AI के जनक जेफ्री हिंटन ने हाल ही में चेतावनी दी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विस्तार से लाखों लोग अपनी नौकरियों से हाथ धो सकते हैं, जबकि अमेरिकी अरबपति एलन मस्क जैसे लोग और अमीर होंगे। हिंटन ने यह बात वैश्विक टेक इंडस्ट्री के हालिया बदलाव और अमेजन, गूगल, IBM व TCS जैसी कंपनियों में कर्मचारियों के AI से रिप्लेस होने के संदर्भ में कही। उनका कहना है कि यह समस्या सिर्फ तकनीक से नहीं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था की संरचना से जुड़ी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि AI के विकास को रोकने का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन इसका सही उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है।

AI के कारण नौकरियों पर संकट

नोबेल पुरस्कार विजेता और AI के जनक कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के विस्तार से लाखों लोगों की नौकरियां खतरे में हैं। उनका कहना है कि टेक इंडस्ट्री में हालिया बदलाव और अमेजन, गूगल, IBM व TCS जैसी कंपनियों में कर्मचारियों को AI द्वारा रिप्लेस किया जाना इस ट्रेंड को और तेज कर रहा है। हिंटन ने स्पष्ट किया कि इस रफ्तार को रोकना संभव नहीं है और यह सिर्फ AI की वजह से नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक संरचना की वजह से हो रहा है।

मस्क जैसे लोग अमीर होंगे

हिंटन ने कहा कि AI के बढ़ते प्रभाव से अमेरिकी अरबपति एलन मस्क जैसे लोग और अमीर होंगे, जबकि आम लोगों की नौकरियां चली जाएंगी। यह समस्या तकनीक से अधिक समाज और अर्थव्यवस्था की संरचना से जुड़ी है। हिंटन ने यह भी कहा कि इस चुनौती को केवल AI पर नहीं थोपना चाहिए, बल्कि समाजिक नीतियों और रोजगार संरचना पर भी ध्यान देना जरूरी है।

AI का विकास रोकने के पक्ष में नहीं हैं हिंटन

इसके बावजूद हिंटन AI के विकास को रोकने के पक्ष में नहीं हैं। उनका मानना है कि AI कई इंडस्ट्रीज में प्रोडक्टिविटी बढ़ा सकता है और नई संभावनाओं के द्वार खोल सकता है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक सही तरीके से लागू की जाए तो समाज और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए लाभकारी हो सकती है।

हिंटन की चेतावनी दर्शाती है कि AI सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं बल्कि रोजगार और सामाजिक ढांचे पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। नीति निर्माताओं और कंपनियों के लिए जरूरी है कि वे रोजगार सुरक्षा और नैतिक AI उपयोग के दिशा-निर्देश तय करें। आम लोगों को भी इस बदलाव के लिए तैयारी करनी होगी और नई कौशल सीखने पर ध्यान देना होगा।

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