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अमेरिका ने चाबहार पोर्ट पर भारत को दी अस्थायी राहत, 6 महीने तक परियोजनाएं जारी रखने की मिली अनुमति

अमेरिका ने चाबहार पोर्ट पर भारत को दी अस्थायी राहत, 6 महीने तक परियोजनाएं जारी रखने की मिली अनुमति

भारत को चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच 6 महीने की अस्थायी छूट मिली। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस अवधि में विकास और मानवीय परियोजनाएं जारी रहेंगी। पोर्ट का रणनीतिक महत्व अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए अहम है।

नई दिल्ली: ईरान के चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच भारत को 6 महीने की अस्थायी छूट मिल गई है। यह राहत भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को दी गई जानकारी में साझा की। मंत्रालय ने बताया कि इस छूट का मुख्य उद्देश्य भारत की विकासात्मक और मानवीय परियोजनाओं को प्रभावित न होने देना है।

चाबहार पोर्ट का रणनीतिक महत्व

चाबहार पोर्ट भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह बंदरगाह अफगानिस्तान और मध्य एशिया-पूर्वी रूस तक सीधी पहुंच प्रदान करता है। इसके माध्यम से भारत पाकिस्तान को बाईपास करते हुए अपने व्यापार और निवेश संबंध बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पोर्ट का विकास भारत की क्षेत्रीय रणनीति और ऊर्जा सुरक्षा के लिए अहम है।

भारत-ईरान समझौते की पृष्ठभूमि

चाबहार पोर्ट को भारत ने 2016 में ईरान के साथ हुए समझौते के तहत विकसित करना शुरू किया था। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच त्रिपक्षीय व्यापार मार्ग तैयार करना है। इसके जरिए भारत मध्य एशिया और रूस तक पहुंच स्थापित कर सकता है।

विदेश मंत्रालय ने किया विस्तार से बयान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा कि अमेरिकी द्वारा दी गई यह छूट भारत के लिए विकासात्मक परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि इस दौरान भारत अपनी मानवता आधारित सेवाओं और अवसंरचना परियोजनाओं को निरंतर जारी रख सकता है।

भारत-अमेरिका वार्ता जारी

चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभावों को लेकर भारत और अमेरिका के बीच लगातार बातचीत चल रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक सहयोग के मुद्दों पर समान दृष्टिकोण रखते हैं। इस वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों के हितों को संतुलित करना और परियोजना की गति बनाए रखना है।

जयसवाल ने यह भी बताया कि भारत रूस की तेल कंपनियों पर हालिया अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्णय वैश्विक बाजार की बदलती परिस्थितियों और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।

ऊर्जा सुरक्षा पर भारत की प्रतिबद्धता

विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि भारत अपने 1.4 अरब नागरिकों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विविध और किफायती ऊर्जा स्रोतों पर भरोसा करता है। जयसवाल ने कहा कि भारत ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपनी आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किए बिना व्यापारिक मार्गों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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